शेर मोहम्मद
सफल समाचार देवरिया
जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में बर्ड फ्लू के नियंत्रण पर हुई चर्चा
देवरिया। मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पाण्डेय की अध्यक्षता में विकास भवन के गांधी सभागार में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) के नियंत्रण हेतु जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में बर्ड फ्लू के लक्षण, बचाव और नियंत्रण के उपायों पर व्यापक चर्चा की गई।
मुख्य विकास अधिकारी ने बैठक में बताया कि बर्ड फ्लू एक अत्यंत संक्रामक पशुजन्य रोग है, जो आर्थोमिक्सो वायरस नामक विषाणु से फैलता है। यह पक्षियों की अधिकांश प्रजातियों को प्रभावित करता है। फिलहाल, इसका कोई केस नहीं मिला, लेकिन जागरूक रहने की आवश्यकता है। बर्ड फ्लू के प्रमुख लक्षणों में अचानक मृत्यु दर में वृद्धि, आंखों में सूजन, कलगी का नीला होना, मल का हरा-पीला रंग, पैरों में रक्त के थक्के जमना और अंडा उत्पादन का रुक जाना शामिल हैं। यह रोग पक्षियों से मनुष्यों और अन्य पशुओं में भी फैल सकता है।
जनपद में वर्तमान में 180 लेयर कुक्कुट प्रक्षेत्र और लगभग 350 ब्रायलर कुक्कुट प्रक्षेत्र सक्रिय हैं, जिसमें कुल 13 लाख पक्षी संरक्षित हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि निदेशालय द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुरूप एक कार्ययोजना तैयार की गई है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसमें पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, प्रभागीय निदेशक (सा.वा.वन प्रभाग, देवरिया) अधिशासी अभियन्ता, खण्ड-2 सिंचाई विभाग, अधिशासी अभियन्ता, लो०नि०वि० (प्रान्तीय खण्ड), जिला पंचायत राज अधिंकारी, जिला सूचना अधिकारी सदस्य हैं।
इसके अलावा, जनपद स्तर पर बर्ड फ्लू के प्रभावी नियंत्रण के लिए रैपिड रिस्पांस टीम, कलिंग टीम और टीकाकरण टीम का गठन किया गया है। साथ ही, राजकीय पशु चिकित्सालय, देवरिया सदर में बर्ड फ्लू नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। एवियन इन्फ्लूएंजा के नोडल अधिकारी डॉ. उपेंद्र कुमार सिंह (उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी) हैं, जिनसे मोबाइल नंबर 9415833790 पर संपर्क किया जा सकता है।
बैठक में यह भी बताया गया कि बर्ड फ्लू के नियंत्रण हेतु समुचित मात्रा में स्प्रे मशीनें, पीपीई किट और फेस मास्क उपलब्ध कराए गए हैं। उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और पशु चिकित्साधिकारी नियमित रूप से कुक्कुट फार्मों का निरीक्षण करते हैं और फार्म मालिकों को बर्ड फ्लू और जैव सुरक्षा के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
जनपद में बर्ड फ्लू के मामलों की निगरानी के लिए हर माह कुक्कुट पक्षियों के सीरम सैंपल, नोजल और क्लोयकल स्वैब नमूने एचएसएडीएल प्रयोगशाला (भोपाल) और कैडरेड (बरेली) भेजे जाते हैं। इस वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 270 नमूने भेजे जा चुके हैं, और किसी भी नमूने में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है।
जनपद में बर्ड फ्लू के नियंत्रण के लिए सतर्कता से निगरानी जारी है। जनता को घबराने की आवश्यकता नहीं है। बैठक में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), जिला पंचायत राज अधिकारी, और जिला सूचना अधिकारी सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे