बाली उम्र में बहके कदम बेटियों के घर छोड़ने का आंकड़ा 8 गुना बढ़ा 

उत्तर प्रदेश देवरिया

अनुग्रह परासर 

सफल समाचार देवरिया 

 

बाली उमर में बहके कदम बेटियों के घर छोड़ने का आंकड़ा 8 गुना बढ़ा 

 

 

बहुत ही भयावह. घर से निकलने वाले बच्चे बच्चियों को बाहर शहर, कस्बे में बह रही वासनाओं की आँधी, घात लगाए भेड़िया लोगों से सतर्क करने का दायित्व परिवार, समाज सबका है. बेहद गंभीरतापूर्वक विचार एवं कार्यवाही का विषय. 

 

देवरिया : बाली उम्र में किशोरियों के कदम बहक रहे है चार साल से आंकड़ा आठ गुना हो गया है साल 2021 में लगभग 61 किशोरियों के कदम बहके तो वही साल 2024 में इसकी संख्या बढ़कर 469 पहुंच गया पुलिस और बाल कल्याण समिति के प्रयास से अधिकांश किशोरियां घर लौट आई ।

 

 

  बरामद नाबालिग किशोरियों को 

राजकीय बालिका गृह बलिया और बालिंग को महिला गृह वाराणसी में रखा जाता है।

जिले में बालिका गृह नहीं होने से बरामद किशोरियों को रखने में काफी परेशानियां होती हैं।

अज्ञानता , जागरूकता तथा शिक्षा का अभाव के चलते किशोरियों के कदम बहक रहे हैं।

बाल कल्याण समिति के समक्ष बरामद किशोरियों को प्रस्तुत किया जाता है । वही से उनके परिजनों को सुपुर्द किया जाता है। 

 

मिले आंकड़े के अनुसार 30 जुलाई से 31 दिसंबर 2021 तक किशोरियों के बहकने की संख्या 61 थी । वर्ष 2022 में इसकी संख्या बढ़कर 142 हुआ जबकि वर्ष 2023 में किशोरियों की घर छोड़ने के 302 मामले दर्ज हुए ।

 

इस साल बाली उमर में कदम बहकने वाली किशोरियों की संख्या 469 हो गई हैं ।

चार साल में इनकी संख्या बढ़कर आठ गुना हो गई 

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ सावित्री राय का कहना है कि शिक्षा , जागरूकता की अभाव गरीबी तथा हर व्यक्ति के पास मोबाइल की पहुंच से किशोरियों की बहकने की संख्या बढ़ रही है।

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