कुशीनगर के इन पांच गांवों में है रामराज्य! आजादी के बाद दर्ज हुए अपराध के सिर्फ 14 मामले, भाईचारे की मिसाल बने ये गांव

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय 

सफल समाचार कुशीनगर 

कुशीनगर के इन पांच गांवों में है रामराज्य! आजादी के बाद दर्ज हुए अपराध के सिर्फ 14 मामले, भाईचारे की मिसाल बने ये गांव

कुशीनगर। जहां देश में हर तरफ लड़ाई झगड़े का माहौल है। आए दिन चोरी, लूटमार, हत्या, दुष्कर्म की घटनाएं गांव और शहर से आती हैं। इन सबके बीच कुशीनगर जिले (Kushinagar News) में पांच गांव ऐसे भी है, जहां आजादी के बाद से आज तक 14 मात्र अपराधिक मामले दर्ज हुए हैं।

ये पांचों गांव आपसी भाइचारे की मिसाल पेश कर रहा है।

जनपद के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र (Kushinagar News) का हाजिरी पट्टी गांव अपने आप में मिसाल है। इस गांव के लोगों में गजब की एकता है। जाति पाति का कोई भेदभाव नहीं है। सभी मिलजुलकर रहते हैं। सुख दुख में एक दूसरे के काम आते हैं। यही वजह है कि इस गांव में झगड़े ना के बराबर हुए। यहां 77 वर्ष मे मात्र 1985 मे एक मारपीट की घटना हुआ है। इसकी गवाही थाने का रिकार्ड भी दे रहा है, जिसमें हाजिरी पट्टी का मात्र एक मुकदमा दर्ज है। हाजिरी पट्टी गांव में करीब 500 लोग रहते हैं। इनमें दलित, ओबीसी की ज्यादा संख्या है। इसमें भी दलितों की संख्या सबसे ज्यादा है। जिसमे अधिकांश लोग पढ़े लिखे हैं। खेती किसानी मे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है।

नौगांवा गांव की आबादी मात्र 700 सौ की है। 77 वर्ष के अंदर 1979 मे चोरी, 2013 मे एनसीआर अपराध मात्र दर्ज हुआ है वहीं विजयी छपरा गांव की आबादी 600 सौ है, जहां 77 वर्ष के अंदर सन 2000 मे मारपीट, 2014 मे मारपीट, 2016 मे चालबाजी, 2017 मे मारपीट,दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं सिसवा गांव मे 77 वर्ष के अंदर अब तक सिर्फ 2008 में मारपीट, 2011 मे आपादा, 2020 मे मारपीट के मामले दर्ज

हुए। वहीं बसौली गांव का आबादी 400 की है जहां अब तक 1980 मे चोरी, 1994 मे मारपीट,2016 मे मारपीट, 2021 में अपहरण का अपराध दर्ज है।

सिसवा गांव (Kushinagar News) के ललन गुप्ता बताते हैं कि गांव में सभी लोग मिलजुलकर रहते हैं। जात पात का कोई भेदभाव नहीं है। हमारे गांव में कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ। बहुत कम कोई व्यक्ति शिकायत लेकर थाने पहुंचता है। अगर कोई विवाद हुआ भी तो गांव के ही संभ्रात लोगों ने दोनों पक्षों को समझाबुझाकर सुलझा दिया। जमीन का बंटवारा भी गांव के लोग ही करा देते हैं। लेखपाल सिर्फ राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज करने का काम करते हैं।

नेबुआ नौरंगिया थाने के प्रभारी निरीक्षक हर्षवर्धन सिंह ने बताया की यह बहुत अच्छी बात है कि थाना क्षेत्र में पांच ऐसे भी गांव है, जिसमें 77 वर्ष के अंदर मात्र 14 अपराध दर्ज हैं, इन गांवो के लोग दूसरों के लिए भी मिसाल हैं। ऐसे लोगों की वजह से साप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा मिलता है और शांति व्यवस्था भी बनी रहती है। यहां शांति है। इन गांव को लेकर अन्य गांवो को भी जागरूक करने की पुलिस द्वारा प्रयास किया जा रहा है।

 

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