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बिहार सरकार छात्रों पर कर रही अमानवीय कार्रवाई – राजेश सचान, संयोजक, युवा मंच
पटना में छात्रों पर लगातार किए जा रहे बर्बर दमन के विरुद्ध रोजगार अधिकार अभियान की संचालन समिति की ओर से वक्तव्य
सोनभद्र। पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों व छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज और भीषण सर्दी के मौसम में वाटर कैनन से छात्रों पर पानी की बौछार की गई। नीतीश- भाजपा सरकार की इस अमानवीय और लोकतंत्र विरोधी कार्रवाई की युवा मंच व रोजगार अधिकार अभियान की ओर कड़ी निंदा की गई है। रोजगार अधिकार अभियान ने बिहार की जदयू-भाजपा सरकार से मांग की है कि छात्रों से वार्ता कर उनके सवालों को हल किया जाए और उनके दमन पर तत्काल रोक लगाई जाए।बता दें कि बीपीएससी की 70 वीं प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर 2024 आयोजित परीक्षा में बीपीएससी व बिहार सरकार ने पटना के बापू परीक्षा केंद्र में गड़बड़ी व लापरवाही को स्वीकार करते हुए इस परीक्षा केंद्र में पुनर्परीक्षा आयोजित कराने का निर्णय लिया है। स्पष्ट है कि परीक्षा की शुचिता भंग हुई है और अन्य परीक्षा केंद्रों पर भी गड़बड़ी से इंकार नहीं किया जा सकता है। एक परीक्षा केंद्र मे पुनर्परीक्षा से नार्मालाईजेशन करना होगा। जबकि नार्मालाईजेशन में पारदर्शिता व वैज्ञानिक पद्धति का अभाव है और पूरी तरह से यह पद्धति भेदभाव पूर्ण है। ऐसे में छात्रों की पुनर्परीक्षा की मांग वाजिब है। भाजपा वन नेशन वन इलेक्शन की तो जोरदार वकालत कर रही है लेकिन इसका तार्किक आधार उसके पास नहीं है कि एक चरण में पूरी परीक्षा को आयोजित कराने की छात्रों की मांग अनुचित कैसे है ? छात्रों की इस न्यूनतम मांग का समाधान करने के बजाय बिहार की जदयू-भाजपा सरकार उनके दमन पर आमादा है। बिहार में छात्रों के असंतोष की बड़ी वजह बेरोज़गारी की गंभीर होती समस्या भी है। रोजगार सृजन और रिक्त पड़े पौने पांच लाख पदों को भरने को लेकर सरकार के पास कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है। बदतर शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी और औद्योगिक विकास को लेकर भी बयानबाजी से ज्यादा ठोस रूप से कुछ नहीं किया गया है।