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डल्लेवाल के गिरते स्वास्थ्य पर एआईपीएफ ने गहरी चिंता की व्यक्त
• एसकेएम डल्लेवाल की जीवन रक्षा के लिए राजनीतिक दलों, समूहों व संगठनों की बैठक बुलाएं
• एमएसपी की कानूनी गारंटी के वादे को पूरा करे भारत सरकार
फोटो – एस.आर.दारापुरी,अध्यक्ष, आईपीएफ
नई दिल्ली।42दिन से अधिक अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के गिरते स्वास्थ्य पर ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (एआईपीएफ) ने गहरी चिंता व्यक्त की है और भारत सरकार से मांग की है कि वह तत्काल उनसे वार्ता करें। एआईपीएफ ने भारतीय गणराज्य की प्रमुख राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल से न मिलने पर भी गहरा क्षोभ व्यक्त किया है। एआईपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राघवेंद्र कुशतगी ने प्रेस को जारी बयान मे एआईपीएफ की तरफ से सभी राजनीतिक दलों और समाज के सरोकारी संगठनों से भी अपील की है कि वे लोग आगे आए और केंद्र सरकार पर दबाव डालें कि वह डल्लेवाल जी की वाजिब मांगों पर विचार करें और केंद्र सरकार एमएसपी पर कानून बनाने के अपने वायदे को पूरा करें। ज्ञातव्य है कि डल्लेवाल जी के अनशन का आज 42 वां दिन है और उनके स्वास्थ्य में निरंतर भारी गिरावट देखी जा रही है। उनकी मांग एमएसपी की कानूनी गारंटी और डब्ल्यूटीओ से भारत सरकार बाहर आए, वाजिब मांगें है और इसे दरकिनार करना कहीं से भी न्याय संगत नहीं है।देश को याद है कि कैसे आईआईटी के प्रोफेसर रहे जी. डी. अग्रवाल साहब गंगा प्रोटेक्शन मैनेजमेंट एक्ट को पारित कराने और गंगा पर बने हुए हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को बंद करवाने के लिए 111 दिन अनशन पर थे। केंद्र सरकार ने उनकी जान की परवाह नहीं की और उनकी मांग को ठुकरा दिया। अनशन के दौरान ही उनकी मौत हो गई। यही घटना फिर से ना हो इसके लिए जरूरी है कि सभी राजनीतिक दल, नागरिक समाज और सरोकारी संगठनों की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर एक हस्तक्षेप हो जिससे की डल्लेवाल जी की जिंदगी को बचाया जा सके।युक्त किसान मोर्चा से भी एआईपीएफ ने अपील की है कि डल्लेवाल जी की जिंदगी की रक्षा के लिए वह सभी राजनीतिक दलों, समूहों एवं संगठनों की बैठक बुलाएं जिससे की कारगर हस्तक्षेप हो सके।