कुशीनगर: छावनी-कुबेरस्थान मार्ग चौड़ीकरण में तोड़ने होंगे 50 लोगों के मकान

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय 

सफल समाचार कुशीनगर 

कुशीनगर: छावनी-कुबेरस्थान मार्ग चौड़ीकरण में तोड़ने होंगे 50 लोगों के मकान

पडरौना। शहर के छावनी-कुबेरस्थान मार्ग पर अधूरा पड़े सड़क के चौड़ीकरण का रास्ता साफ हो गया है। मंगलवार को एसडीएम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मौजूदगी में सड़क की पैमाइश की गई। करीब दो मीटर तक सड़क किनारे मिली सरकारी जमीन पर करीब 90 लोगों का कब्जा मिला, जबकि करीब 50 लोगों की निजी जमीन मिली।

 

निजी जमीन पर बने घर का मूल्यांकन कर उन्हें मुआवजा दिलाया जाएगा, जबकि सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले लोग स्वयं खाली करेंगे। 

करीब दो वर्ष पहले पडरौना के छावनी स्थित तहसील कार्यालय के पास से कुबेरस्थान जाने वाली 10.40 किलोमीटर लंबी सड़क के चौड़ीकरण के लिए स्वीकृति मिली थी। इस सड़क पर प्राचीन कुबेरस्थान शिव मंदिर और करीब छह किलोमीटर आगे तुर्कपट्टी के महुअवा स्थित ऐतिहासिक सूर्य मंदिर होने के साथ मेडिकल कॉलेज का एकेडमिक भवन और कृषि विभाग का कार्यालय है। 

 

इसके अलावा यह सड़क पटहेरिया चौराहे पर गोरखपुर-सीवान मार्ग को जोड़ते हुए बिहार सीमा पर स्थित समउर बाजार भी चली जाती है। इस लिहाज से यह सड़क जिले की बेहद महत्वपूर्ण सड़क मानी जाती है। इस सड़क पर दिन हो या रात, वाहनों का आवागमन हमेशा बना रहता है। इसकी उपयोगिता को देखते हुए चौड़ीकरण कराने का निर्णय लिया गया है। 

 

लोक निर्माण विभाग ने 10.40 किलोमीटर लंबाई में इस सड़क के निर्माण और चौड़ीकरण का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। इसके लिए 23.88 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाया गया था

शासन से सड़क निर्माण की स्वीकृति मिलने पर कुबेरस्थान से शहर के छावनी तक सड़क का चौड़ीकरण कार्य तो पूरा लिया गया, लेकिन शहर के छावनी मोहल्ले में घनी आबादी के बीच करीब 200 मीटर सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सका था। क्योंकि, सड़क पांच मीटर के स्थान पर चौड़ाकर सात मीटर करना था।

 

इसके अलावा सड़क के दोनों तरफ एक-एक मीटर का नाली निर्माण करना था। इसकी जद में कई मकान आ रहे थे। हालांकि सड़क निर्माण के लिए करीब एक वर्ष पूर्व राजस्व विभाग की तरफ से पैमाइश की गई थी, लेकिन बाद में तकनीकी दिक्कत की वजह से शहर के घनी आबादी के बीच पड़ने वाली सड़क को पांच मीटर ही चौड़ा कर छोड़ दिया। सड़क चौड़ा नहीं होने से सड़क के संकरे हिस्से में हर दिन जाम की समस्या बनी रहती थी।

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