सफल समाचार
योगी सरकार का बजट कॉरपोरेट और पूंजी पतियों व उनके बेहतर विकास के लिए
आम गरीब जनता का दूर दूर से कोई वास्ता व सरोकार नहीं है
बजट में हर बुनियादी ढांचा गत विकास के साथ हर वर्ग का ख्याल रखने की बात बिल्कुल खोखला और एक धोखा हैै – नन्दलाल आर्य जिला मंत्री सीपीआईएम ,माकपा
सोनभद्र , रॉबर्ट्सगंज। उत्तर प्रदेश के योगी सरकार द्वारा प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा बजट 808736 करोड़ रुपए का ऐतिहासिक बजट बताकर प्रदेश के 25 करोड़ जनता के आंख में धूल झोंक कर खुद का मिया मिट्ठू बनने का प्रयास किया गया है। जहां तक आम जनता के विकास और बेहतर के लिए सरकार ने अब तक का सबसे अच्छा बजट बता रही है तो वही दूसरी मजदूर हर सुबह काम करने की तलाश में जाता है तो उसे और कामगार मिस्रियों के लिए कोई ऐसा जगह मजदूर मंडी निश्चित नहीं किया गया है कि मजदूर और कामगार वहां से आसानी पूर्वक आवश्यकता अनुसार अपने कार्य स्थल तक पहुंच जाय ।वैसे तो सरकार गरीबी उन्मूलन की बात कह रही है लेकिन सच्चाई यह है कि गरीबी हर तपके और वर्ग में बढ़ती जा रही है इसे खत्म करने के लिए सरकार के पास कोई मानक नहीं है । प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं हमारी माताएं और बहन बेटियां आए दिन बलात्कार और छेड़खानी का सिकार हो रहीं हैं ऐसी घटनाओं से पीड़ित महिलाओं का सही तरीक़े से मुकदमा कायम नहीं हो रहा है घटना को दबाने का प्रयास प्रशासन द्वारा किया जाता है।सरकार भ्रमित कर कल्याण के नाम पर बाह बाही लूट रही है। जबकि योगी की उत्तर प्रदेश में जब से सरकार है तब की आंकड़ा नहीं बताया गया कि अभितक प्रदेश के कितने जिलों में सार्वजनिक क्षेत्र के औद्योगिक करण कर युवाओं को रोजगार दिया गया है और अब तक कितने बेरोजगारों का दूसरे प्रदेशों में रोजगार के लिए पलायन करने से रोका गया है बजट में स्पष्ट रूप से आनी चाहिए परन्तु नहीं आया।सरकार के खराब मानसिकता के कारण सरकारी शिक्षण संस्थान धीरे धीरे बन्द हो रही हैं प्राइवेट संस्थानों का बड़ी तेज़ी से विकाश और विस्तार हो रहा है जो सफेद पोस धारों या बड़े उद्दमियों का योजना हैै आम नागरिक और गरीबों के लिए ऐसी शिक्षा व्यवस्था बहुत महंगी व उनके पहुंच से दूर है ।किसान मजदूर बेरोजगार महिला उत्थान के नाम पर कुछ नहीं है यहां हर विभाग में रिक्त पद खाली पड़ा है रिक्त पदों को भरने का सरकार के पास कोई ठोस विजन और योजना नहीं दिख रहा है। संपूर्ण उत्तर प्रदेश पुर्ण रुप से धर्म मजहब और पूजा पंडाल के नाम पर जाम हो गया है परिणाम स्वरुप आम जनमानस को अपने गंतव्य तक पहुंचना कठिन हो गया है यहां परिवहन का सारी सिस्टम योगी मय हो गया , न कहीं सुनवाई है और ना ही जवाब देहि है। श्रमिकों के संवैधानिक अधिकार जिसके द्वारा श्रमिक अपने जायज मांगों के साथ आवाज को सरकार तक पहुंचता था खत्म कर दिया गया बजट में ग्राम रोजगार सेवकों ,शिक्षा मित्र , होमगार्ड , पी आर डी , आंगन बाड़ी ,सहायिका , आशा बहने , चौकीदार जो आम जनता के सुख दुख में शामिल होते हैं इनके आवश्यकता और महागाई के अनुसार बजट में कोई जगह नहीं दिया गया और ना ही राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया गया। सरकार बताने में बिफल रही है कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों का प्रत्येक माह का बजट क्या है। ये महीने में कितने दिन जनता के लिए कार्य करते है इनकी जबाव देही क्या है इसका जिक्र बजट में नहीं है। प्रदेश में लगभग 15 करोड़ जनता को जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों है के परिवारों को फ्री में राशन क्यों दिया जा रहा है ? इसका कारण क्या है क्या उत्तर प्रदेश की आम नागरिक गरीबी और बेरोजगारी से त्रस्त है ? तो सरकार किस विकाश का डंका पीट रही है ये प्रदेश कि जनता जानना चाहती है कि बजट में इसका जिक्र क्यों नहीं है। जबकि सरकारी आंकड़ा बताता है कि उत्तर प्रदेश की खुदरा महागई दर 6.74 फीसदी से ऊपर का है जहां आम उपभोग के खाने पीने की आवश्यकता की चीजे महंगी है वहीं बजट यह बताता है कि आम गरीबों को महगाई से निजात दिलाने के लिए सरकार के पास कोई ठोस आधार नहीं है चुनाव के योगी जी की डबल इंजन की सरकार द्वारा युवाओं को राजनीति में मुख्य भूमिका निभाने की बात करके नौजवानों को गुमराह किया जाता है लेकिन बजट में युवा आयोग के गठन की बात नहीं है और ना ही इनके लिए कोई योजना हैै। यहां मनरेगा योजना को सरकार कमजोर कर समाप्त करना चाहती जो हर हांथ को काम देने की गारंटी देती है बजट में इसका भी जिक्र नहीं है । जनपद सोनभद्र के राबर्ट्सगंज विधानसभा के विधायक विधान सभा में भोजपुरी का प्रवचन सुनाकर आदर्श विधायक बनने का प्रयास कर रहे हैं और कांग्रेस सरकार के शासन में बने वनाधिकार कानून 2005, के अंतर्गत एक , दो ,चार पांच और दस विश्वा पट्टे की भूमि को बाटने में दस साल लगा दिए जिसके लिए झूठी तारीफ़ कर रहें हैं कि सोनभद्र के जनता को योगी सरकार ने जमींदार बना दिया , इस बजट से खास तौर से सोनभद्र के आम ग्रामीण और शहरी जनता को बहुत उम्मीद था परन्तु सरकार की 9 वीं और इस ऐतिहासिक बजट ने पानी फेर दिया और निराशा हांथ लगी। बजट में विकाश ,रोजगार , शिक्षा , उद्योग स्वास्थ्य की बात का पुलिंदा तैयार कर लाली पाप दिखा कर प्रदेश को गुमराह किया गया है इससे कोई नया कोई चमत्कार होने वाला नहीं है ।