सीएमओ साहब ! मौत की नींद सुलाने वाले हास्पिटल कब होगे सील उत्तर प्रदेश, कुशीनगर,

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विश्वजीत राय 

सफल समाचार कुशीनगर 

सीएमओ साहब ! मौत की नींद सुलाने वाले हास्पिटल कब होगे सील
उत्तर प्रदेश, कुशीनगर,

एक सप्ताह मे जिले के दो हास्पिटल ने छिन ली दो जिन्दगियां
जनपद के हाटा स्थित सिंह मैक्स ने महिला व कसया एनएच-28 पर संचालित आरएस हास्पिटल बना घायल युवक का मौत कारण

कुशीनगर।जनपद में स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से निजी अस्पतालों मे चिकित्सको की लापरवाही से मौत का सिलसिला जारी है। इसमे अधिकांशतः अवैध हास्पिटल व बडे नाम के फर्जी वोर्ड लगाकर हास्पिटल संचालित करने वालो की संख्या सर्वाधिक है। इसके बाबजूद स्वास्थ्य महकमा के जिम्मेदार धृतराष्ट्र बने बैठे। यही वजह है कि बीते शुक्रवार को हाटा नगर मे संचालित सिंह मैक्स हास्पिटल मे चिकित्सक के लापरवाही से एक प्रसुता की मौत हो गयी तो शनिवार को कसया एनएच-28 पर स्थित सरस ग्रुप के आरएस हास्पिटल ने पांच घंटे तक घायल युवक को इलाज के अभाव में मार डाला। मजे की बात यह है कि अभी तक स्वास्थ्य महकमा के हुक्मरान कुंभकर्णी निद्रा से जागे नही है। नतीजतन अभी तक न तो यह हास्पिटल सील हुआ है और न मुकदमा दर्ज हुआ है।

काबिलेजिक्र है कि जनपद के हाटा में चल रहे सिंह मैक्स नर्सिंग होम में डॉक्टर की लापरवाहियों से एक प्रसूता की जान चली गई। परिजन का आरोप है कि डिलेवरी के लिए महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां आप्रेशन के बाद महिला ने बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान चिकित्सक ने जच्चा-बच्चा दोनो को पूरी तरह से ठीक बताया लेकिन कुछ ही घंटों में डॉक्टर्स ने बताया कि प्रसूता की हालत बिगड़ गई है। परिजन का कहना है कि हास्पिटल प्रशासन ने पीड़िता को देखने तक नहीं दिया और अस्पताल के डॉक्टर ही पीडिता को एंबुलेंस मे लेकर गोरखपुर गए। बाद में बताया कि उसकी मौत हो गई है।

कैसे हुई घटना
कुशीनगर के हाटा नगर के वार्ड नंबर 17 की रहने वाली 25 वर्षीय सुमन को प्रसव पीडा होने के बाद परिवारीजन ने सुमन को नगर के सिंह मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जहां ऑपरेशन के माध्यम से बच्ची का जन्म हुआ। डिलीवरी के बाद 25 वर्षीय सुमन की मौत हो गई। परिजन ने डॉक्टर पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल पर खूब हंगामा किया था। परिजन का कहना है कि डॉक्टरों ने स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया और समय पर सही इलाज नहीं किया, जिसके वजह से सुमन की मौत हो गई। प्रसूता के मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इस हास्पिटल पर मेहरबान है।

केस संख्या – दो
जिले के कसया एनएच-28 पर स्थित सरस ग्रुप के आरएस हास्पिटल की घोर लापरवाही से मार्ग दुर्घटना में घायल हुए अभय की मृत्यु के बाद भी स्वास्थ्य महकमा कुंभकर्णी निद्रा में है। चर्चा-ए-आम है कि अब तक न तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा आरएस हास्पिटल को सील किया गया और न ही हास्पिटल प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है जो स्वास्थ्य विभाग क्रिया-कलाप पर सवाल बना हुआ है। परिजनो के मुताबिक कसया एनएच-28 पर तमाम डाक्टरों का नाम लिखा आरएस हास्पिटल देखकर परिजन वहा रुक गये और घायलों को लेकर हास्पिटल पहुंचे जहां दो नर्स मौजूद थी। नर्स ने तत्काल डाक्टर को बुलाने की बात कहकर परिजनो से तत्काल घायलो को भर्ती कराने के लिए कहा और फिर अपने स्तर से दोनो नर्स घायलों के इलाज मे जुट गयी। इसके बाद दोनो नर्स रात्रि ढाई बजे से सुबह आठ बजे तक बीच बीच में अस्पताल संचालक से बात कर डाक्टर के आने की दुहाई देकर घायलों को बिना कोई इलाज किये रोके रखा। शनिवार को सुबह आठ बजे हास्पिटल की दोनो नर्स यह कहकर परिजनो से एक लाख रुपये जमा करा लिया कि डाक्टर आ रहे है पैसा जमा करने के बाद डाक्टर इलाज करेगे। परिजनो ने बताया कि डाक्टर का इंतजार करते हुए शनिवार को तकरीबन दिन के नौ बजे 24 वर्षीय अभय की मृत्यु के बाद नर्सो ने हास्पिटल के संचालक से बातकर गोरखपुर ले जाने के लिए रेफर कर दिया। एक लाख रुपये ऐठने के बाद इलाज के अभाव में जब अभय की मौत हो गयी तो आक्रोशित परिजनो हास्पिटल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हास्पिटल पर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान काफी संख्या में गांव से महिलाएं भी इकट्ठा हो गयी थी। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुची कसया पुलिस सुबह नौ बजे से परिवारजनों को शांत कराने व शव को कब्जे में लेने के लिए मशक्कत करती रही लेकिन उसे सफलता दोपरह के दो बजे के बाद मिली। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अपनी लापरवाही से अभय को मौत की नींद सुलाने वाला आरएस हास्पिटल को स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक सील क्यो नही किया ? क्यो अभी तक हास्पिटल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज नही हुआ?

बीते वर्ष दर्ज हुआ था मुकदमा
यहां बताना मुनासिब होगा कि बीते वर्ष 2024 में पडरौना नगर के छावनी (कसया-पडरौना मार्ग) स्थित सरस हास्पिटल के चिकित्सक व जीएनएम की लापरवाही और अस्पताल संचालक के मनमानेपन के कारण प्रसव के दौरान एक नवजात की मौत हो गयी थी। परिजनो का आरोप था कि नवजात की मौत के बाद हास्पिटल के जिम्मेदार शिशु को एनआईसीयू में रखकर आधे घंटे तक इलाज करने का नाटक करते रहे और पोल खुलने के भय से हास्पिटल प्रबंधन ने आनन-फानन मृत्यु नवजात को रेफर कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने सीएमओ और पडरौना कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर हास्पिटल के जीएनएम रुबी दीक्षित, चिकित्सक खुशबू दीक्षित, अस्पताल संचालक आदर्श धर दूबे व आशीष धर दूबे के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगायी थी। पीडित के प्रार्थना पत्र पर पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम सरस हास्पिटल पहुचकर घटना की सत्यता की जांच की। जांच मे दोषी पाये जाने के बाद कोतवाली पुलिस ने सरस हास्पिटल के जीएनएम रुबी दीक्षित, चिकित्सक खुशबू दीक्षित, अस्पताल संचालक आदर्श धर दूबे व आशीष धर दूबे के खिलाफ धारा 105 व 351(3) भारतीय न्याय संहिता के तहत मुकदमा दर्ज किया था। हालाकि हास्पिटल प्रशासन के ऊची पहुच के कारण किसी की गिरफ्तारी नही हुई थी।

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