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स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर आजाद के परिनिर्माण दिवस पर सीपीआईएम, माकपा पार्टी ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन
बिजली निजीकरण एवं स्मार्ट मीटर के विरोध में सीपीआईएम ,माकपा ने प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
सोनभद्र , रॉबर्ट्सगंज। आम जनता के लिए बिजली एक बुनियादी आवश्यकता है जिनके लिए बिजली कानून 1948 की प्रस्तावना में सरकारों की जिम्मेदारी है कि यह देश की जनता को सस्ती व सुलभ बिजली उपलब्ध कराए। पूर्व की सरकारों द्वारा बिजली को रियायत पर सबको उपलब्ध कराया जाता रहा है लेकिन देश के पूंजी पति और विदेशी कंपनियों ने बिजली को मुनाफे का साधन बनाने के लिए सरकार से सांठ- गांठ कर लिया है वर्ष 2000 में प्रदेश की सरकार ने उत्तर प्रदेश का बिजली बोर्ड भंग कर तीन निगम बना दिए। केंद्र की भाजपा सरकार ने बिजली कानून 2003 बनाकर बिजली के निजीकरण का रास्ता खोल दिया। जिसका पूरे देश में व्यापक रूप से विरोध हो रहा है। 25 नवंबर 2024 को पावर कॉरपोरेशन की बैठक में बिजली विभाग के दक्षिणांचल और पूर्वांचल वितरण निगम का निजीकरण करने का प्रस्ताव रखा गया ।दोनों निगमों के निजी हाथों में देने के बाद 41 जिलों की बिजली व्यवस्था प्रभावित होगी।जिससे बिजली का मूल्य बेतहाशा बढ़ जाएगा ।ऐसे में आम लोग बिजली का उपयोग नहीं कर पाएंगे खेती भी मोटर के जरिए नहीं हो पाएगी।इसलिए उत्तर प्रदेश की पूर्वांचल और दक्षिणांचल वितरण निगमन सहित बिजली तंत्र के किसी भी हिस्से का निजीकरण न किया जाए , स्मार्ट मीटर का प्रस्ताव तथा बिजली बिल 2022 वापस लिया जाए , गलत बिल,खराब ट्रांसफार्मर जैसे तार को तुरंत ठीक किया जाए, कम से कम 20 घंटा बिजली पूर्ण वोल्टेज बिना रोस्टिंग दिया जाए, बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों को स्थाई किया जाए , किसानों के नलकूपों पर मीटर न लगाया जाय तथा अपनी जायज मांगों के लिए आंदोलन रत निकाले गए कर्मचारियों को तुरंत बहाल किया जाए , नील गायों व पशुओं की आतंक से किसानों की फसलों को बचाया जाए , इन तमाम सवालों को लेकर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी, माकपा ने पार्टी राज्य के निर्देशन में पिछले पंद्रह दिन से चलाए जा रहे जन जागरूकता अभियान के बाद आज दिनांक 27 फरवरी 2025 को नौ सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन महामहिम राज्यपाल के नाम जिलाधिकारी सोनभद्र को सौंपा गया।इस अवसर पर सीपीआईएम , माकपा के जिला मंत्री का. नन्दलाल आर्य , का. प्रेमनाथ , का. पुरुषोत्तम , का. महेंद्र सिंह सीपीआईएम जीला कमेटी सदस्य , का.हनुमान प्रसाद , का. भरत लाल , का. राजबली , दशरथ मौर्य , सुभाष चन्द्र , राज कुमार बौद्ध , रमाकांत , कुबेर , सीटू नेता का. लाल चन्द्र आदि के साथ अन्य साथियों ने कार्यक्रम में भाग लेकर सरकार के जनविरोधी नीतियों का विरोध किया।