महिलाओं को मिले बराबरी का हक – युवा मंच 

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

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महिलाओं को मिले बराबरी का हक – युवा मंच 

• अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हुई गोष्ठी 

म्योरपुर, सोनभद्र। महिलाओं को संविधान में बराबरी का अधिकार दिया गया है और किसी भी प्रकार के लैंगिक भेदभाव पर रोक लगाई गई है। बावजूद इसके अभी भी महिलाओं को समान काम का समान वेतन नहीं मिलता है, पैतृक संपत्ति और जमीन में महिलाओं को अधिकार नहीं मिलता और उन्हें सामाजिक, सांस्कृतिक, मानसिक और शारीरिक शोषण का शिकार होना पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस साल महिला दिवस को बराबरी का अधिकार दिवस के रूप में मनाने की अपील की है। इसलिए महिलाओं को संविधान में दिए गए बराबरी के हक और नागरिक की हैसियत और उसके सम्मान को हर हाल में देना सरकार का दायित्व है, जिसे उसे हर हाल में पूरा करना चाहिए। यह बातें आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रासपहरी में आयोजित युवा मंच की गोष्ठी में उठी। गोष्टी के अध्यक्षता युवा मंच की जिलाध्यक्ष रूबी सिंह गोंड और संचालन जिला संयोजक सविता गोंड ने किया। गोष्ठी में महिला संघर्षों और अधिकारों पर लिखा पर्चा भी पढ़ा गया। गोष्ठी में कहा गया कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार का अधिकार महिलाओं के सम्मानजनक जीवन के लिए पाना बेहद जरूरी है। आज लड़कियों का सरकारी डिग्री कॉलेज न होने के कारण बहुत बड़ी प्रतिभाएं नष्ट हो जा रही है। प्रसव के समय काफी संख्या में महिलाओं की मृत्यु होती है, कुपोषण के कारण खून की कमी है और इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तक नहीं है। महिला स्वयं सहायता समूह के नाम पर प्रचार ज्यादा हो रही है। उनका महिलाओं की आर्थिक समृद्धि और उत्पादकता में योगदान नहीं के बराबर है। कहा गया कि देश के 200 पूंजी घरानों की संपत्ति पर टैक्स लगाकर इतने संसाधन जुटाए जा सकते हैं जिनसे महिलाओं और आम नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित किया जा सकता है।गोष्ठी में गुंजा गोंड, राजकुमारी गोंड, एआईपीएफ जिला संयोजक कृपाशंकर पनिका, प्रमिला पनिका, अनिता गोंड, दिनेशचन्द्र यादव, रेशमा कुमारी, जुगनू सिंह, दुखनी देवी आदि ने अपने विचार रखे।

 

 

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