दुष्कर्म के दोषी बलवंत कोल को 20 वर्ष की कठोर कैद

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

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दुष्कर्म के दोषी बलवंत कोल को 20 वर्ष की कठोर कैद

 20 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी

अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी 

साढ़े 7 वर्ष पूर्व जंगल के पास गाय, बकरी चराने गई 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला

 फोटो: कोर्ट भवन 

सोनभद्र। साढ़े 7 वर्ष पूर्व जंगल के पास में गाय, बकरी चराने गई 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी बलवंत कोल को 20 वर्ष की कठोर कैद एवं 20 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।अभियोजन पक्ष के मुताबिक अनपरा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 16 वर्षीय नाबालिग पीड़िता ने 29 अगस्त 2017 को अनपरा थाने में दी तहरीर मे अवगत कराया था कि वह 15 अगस्त 2017 को करीब एक बजे दिन गाय, बैल व बकरी लेकर मठहिया नार जंगल के पास चराने गई थी उसके साथ मे बहन की 6 वर्षीय लड़की भी थी। जहां पीछे से आकर उसे बलवंत कोल पुत्र रामबरन कोल निवासी मिर्चाधुरी टोला मोटकाखेर, थाना अनपरा, जिला सोनभद्र उसे पकड़ लिया और उठाकर एक गढ्ढे में ले गया, जहां उसके साथ जबरन बलात्कार किया। वह रोती चिल्लाती रही, लेकिन वह नहीं माना। उसके रोने पर उसके बहन की लड़की भी रोती हुई घर चली गई और सारी बात बताई तो उसके दोनों भाई आ गए तो उन्हें देखकर बलवंत कोल भाग गया। उसके घर के लोग लोक लाज की वजह से शांत थे लेकिन बलवंत कोल घर आकर बार- बार थाने पर सूचना न देने के लिए धमकी दे रहा था। इसी वजह से सूचना दी गई है इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी बलवंत कोल को 20 वर्ष की कठोर कैद एवं 20 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगा। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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