विश्वजीत राय
सफल समाचार कुशीनगर
DM की पहल- वर्षों से उपेक्षित धरोहरों को सहेजेंगे, विकास प्राथमिकता
जिले में सुस्त पड़ी विकास की परियोजनाएं रफ्तार पकड़ेगी और तय समय पर काम पूरा करना होगा। शहर को जाम की समस्या से स्थानीय निदान दिलाने के लिए प्रशासन की ओर से मजबूती से पहल की जाएगी
इसके अलावा जिले की पहचान बांसी और हिरण्यवती को मुख्य गंडक नदी से जोड़ने का पहल भी होगा। यह बात मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम महेंद्र सिंह तंवर ने कही।
डीएम ने कहा कि जिले में विकास की लंबित परियोजनाओं को रफ्तार दिया जाएगा। तय समय पर कार्य को पूरा कराने के लिए कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिया जा चुका है। बौद्ध स्थल हो या जिले की जो भी प्रमुख स्थली वहां विकास कराया जाएगा। पडरौना शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए व्यपारियों के साथ बैठक के अलावा संबंधित विभाग को भी इसके लिए जिम्मेदारी दी जाएगी।
जरूरत पड़ने पर मैं खुद शहर का भ्रमण करूंगा। हर वह प्रयास करूंगा जिससे जिला आगे बढ़ सके। विकास का कार्यों की प्राथमिकता रहेगी। बुद्ध मंदिर पर रैंप नहीं होने के सवाल पर कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए रैंप जरूरी है, आखिर अब तक क्यों नहीं बना।
इसके लिए संबंधित विभाग से जानकारी लेने के बाद रैंप निर्माण कराया जाएगा। बुद्ध स्थली से प्रवाहित होने वाली हिरण्यवती नदी का महत्व अलग है। यहां आने वाले बौद्धिष्ट बुद्ध की लेटी प्रतिमा का दर्शन करने के बाद हिरयण्वती नदी में आचमनी करते हैं, लेकिन गंदगी और पानी नहीं होने के कारण वापस लौट जाते हैं
वहीं बांसी नदी में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए यूपी और बिहार के लाखों श्रद्वालुओं की भीड़ जुटती है, लेकिन नारायणी नदी से संपर्क नहीं होने के कारण पानी का बहाव नहीं होता है और गंदगी से बांसी पटी है। इसकी वजह नारायणी नदी से जुड़ी बांसी नदी की जमीन पर मिट्टी भरकर लोगोंं ने कब्जा कर लिया है। दोनों नदी की सफाई और मुख्य नदी से जोड़ने के लिए प्रयास करने कीी बात डीएम ने कही।