विश्वजीत राय
सफल समाचार कुशीनगर
सिचाई विभाग की जमीन पर खडा है सिटी माल, विभाग बना है धृतराष्ट्र
सरकारी विभाग के करोडो रुपये की जमीन पर अवैध कब्जा, एंटी भू माफिया अभियान को खुली चुनौती
कुशीनगर। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के एंटी भू माफिया अभियान को पडरौना नगर के तथाकथित समाजसेवी कहे जाने वाले एक व्यक्ति द्वारा खुलेआम चुनौती दिया जा रहा है। सबब यह है कि सिचाई विभाग के जमीन पर एक समाजसेवी व्यवसायी अवैध तरीके से कब्जा करके उस पर पीडी सीटी माल का निर्माण कराकर अपना तिजोरी भरा जा रहा है। मजे बात यह है कि समाज सेवा का दंम भरने वाले इस शक्स के सरकार विरोधी इस कृत्य की जानकारी सिचाई विभाग सहित यहा के तहसील व जिला प्रशासन को भी है। लेकिन यह जिम्मेदार भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय धृतराष्ट्र बने बैठे हैं।
बतादे कि मुख्य पश्चिम गंण्डक नहर की पटरी के बाद बने सीपेज को समाजसेवा का दंम भरने वाले पडरौना नगर के समाजसेवियों ने अवैध कब्जा कर सीपेज का अस्तित्व को ही खत्म कर दिया है। नतीजतन बरसात के दिनों में कठकुइयां रोड जलमग्न हो जाता है जिससे नगरवासियों को दुश्वारियां झेलनी पडती है।
सिचाई विभाग के सीपेज पर अवैध व्यावसायिक प्रतिष्ठान
कहना न होगा कि पडरौना नगर में निर्मित पीडी सिटी माल, सिचाई विभाग के जमीन पर अवैध तरीके से बना हुआ है, जिसमे सिचाई विभाग का सीपेज के अलावा कुछ भूभाग शामिल है,ऐसा सूत्रो का दावा है। बताया जाता है कि पीडी सिटी माल के मालिक जो कथित समाजसेवी है सिचाई विभाग व तहसील प्रशासन के मिलीभगत से सिचाई विभाग की सरकारी जमीन पर कब्जा कर उस पर व्यवसायिक प्रतिष्ठान का निर्माण कराकर व्यवासियो को किराये पर दे रखा है जिससे उन्हे लाखो रुपये प्रति माह व्यक्तिगत लाभ प्राप्त हो रहा है। यहा बताना जरूरी है कि अलग अलग स्यंव सेवी संस्थाओ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर सिचाई विभाग बडी गंण्डक नहर की जमीन व सीपेज का अस्तित्व मिटाकर अवैध तरीके से व्यवसायिक प्रतिष्ठान का निर्माण कराकर प्रति माह लाखो रुपये का व्यक्तिगत लाभ लेने वाले कथित समाजसेवी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
जानकार बताते है कि सिचाई विभाग के बडी गंण्डक नहर की पटरी से तकरीबन 75फीट जमीन पीडी सिटी माल के तरफ है। सूत्र बताते है कि है कि बीते वर्ष तत्कालीन एसडीएम व सिचाई विभाग के अधिकारियों ने पैमाइश करायी थी जिसमे सिचाई विभाग की जमीन, निर्मित पीडी सिटी माल परिसर के अन्दर तक पाया गया। मजे की बात यह है कि इस पर तमाम अवैध रुप से दुकान बना है और फास्ट फूड बेचने वाले दुकानदारों को 15 हजार से लेकर 20 हजार रुपये प्रति माह किराये पर दिया गया है। ऐसे कहना मुनासिब होगा कि सूबे के वजीरेआला जहां एंटी भू माफिया अभियान के तहत भू माफियाओं पर कार्रवाई कर सरकारी भूमि को मुक्त कराने का दावा कर रहे है वही समाजसेवा का दंम भरने कथित समाजसेवी द्वारा खुलेआम मुख्यमंत्री के अभियान को चुनौती दी जा रही है और सरकारी मशीनरी सूरदास बने बैठे है।