कुशीनगर: निजी अस्पतालों की लापरवाही से गर्भवती महिला की मौत, संक्रमित खून चढ़ाने का आरोप, छह पर केस दर्ज

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विश्वजीत राय 

सफल समाचार कुशीनगर 

कुशीनगर: निजी अस्पतालों की लापरवाही से गर्भवती महिला की मौत, संक्रमित खून चढ़ाने का आरोप, छह पर केस दर्ज

कुशीनगर में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक गर्भवती महिला को इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में घुमाया गया और संक्रमित खून चढ़ाने से उसकी मौत हो गई। परिजनों से पांच लाख रुपये से अधिक वसूलने के बाद भी महिला की जान नहीं बचाई जा सकी। कोर्ट के आदेश पर छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।

 

कुशीनगर जिले में मेडिकल लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है। नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के पिपरा वर सिवान निवासी महबूब आलम की गर्भवती पत्नी हीना खातून को 4 सितंबर 2024 को प्रसव पीड़ा के चलते पहले पडरौना मेडिकल कॉलेज लाया गया था। डॉक्टरों ने स्थिति गंभीर बताकर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

 

परिजनों के मुताबिक, एंबुलेंस की तलाश के दौरान एक दलाल ने उन्हें रोका और खुद को सोहरौना के एमएस अस्पताल का कर्मचारी बताते हुए महिला को वहीं ले गया। वहां कथित रूप से डॉ. राजन सिंह द्वारा प्लेटलेट्स चढ़ाने की बात कहकर बुद्धा चैरिटेबल ब्लड बैंक भेजा गया। प्लेटलेट्स चढ़ाने के बावजूद महिला की हालत नहीं सुधरी, तो उसे कसया के एमएसपी मेमोरियल अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

 

यहां ऑपरेशन के बाद महिला ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन उसकी तबीयत और बिगड़ गई। बाद में गोरखपुर के सावित्री नर्सिंग होम और फिर लखनऊ के सहारा अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि संक्रमित प्लेटलेट्स चढ़ने के कारण महिला के शरीर में इन्फेक्शन फैल गया। नौ दिन इलाज चलने के बाद महिला की मौत हो गई।

 

 

इलाज में वसूले गए 5 लाख रुपये:

परिजनों का आरोप है कि इलाज के नाम पर कसया और पडरौना के निजी अस्पतालों ने कुल मिलाकर ₹5 लाख से अधिक की वसूली की।

 

 

कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज:

महबूब आलम की शिकायत पर कोर्ट के आदेश के बाद रविंद्रनगर धूस थाना पुलिस ने किशन कुशवाहा, डॉ. राजन सिंह, डॉ. राजकुमार कुशवाहा, डॉ. गिरीश सिंह बघेल, एक नर्स और एक अज्ञात डॉक्टर पर केस दर्ज किया है। पुलिस जांच कर रही है।

 

थानाध्यक्ष शरद भारती के अनुसार, डॉ. गिरीश सिंह की पहले ही मौत हो चुकी है और उनका अस्पताल बंद है।

 

अस्पताल संचालक का बचाव:

एमएस अस्पताल के संचालक नीरज सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में हीना नाम की किसी महिला का इलाज नहीं हुआ। यह उनके खिलाफ रची गई साजिश है और वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे।

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