सांकृत्य हॉस्पिटल : संचालक और चिकित्सक पर न दर्ज हुआ मुकदमा, न सील हुआ हास्पिटल

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय 

सफल समाचार कुशीनगर 

सांकृत्य हॉस्पिटल : संचालक और चिकित्सक पर न दर्ज हुआ मुकदमा, न सील हुआ हास्पिटल

संचालक, चिकित्सक और हास्पिटल पर कार्रवाई न होना बना चर्चा का विषय 

कुशीनगर। मेडिकल कालेज में तैनात डाॅ.अंशुमान पाण्डेय द्वारा संचालित सांकृत्य हॉस्पिटल में बीते बुधवार को प्रसूता की हुई मौत के मामले में अब तक कोई कार्रवाई न होना चर्चा का विषय बना हुआ है। कहना ना होगा कि मृतका के पति द्वारा रवीन्द्रनगर थाने पर दिये गये तहरीर के बावजूद अब तक न तो हास्पिटल संचालक व चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और न ही अभी तक विभागीय जांच पुरी हुई है। चर्चा-ए-सरेआम है कि मामला मैनेज हो गया है इस लिए पुलिसिया कार्रवाई व विभागीय जांच मे हिलाहवाली की जा रही है।

 फ्लैशबैक 

बतादे कि पडरौना कोतवाली क्षेत्र के सेमरिया बाजार गांव के निवासी सत्येंद्र प्रसाद की 28 वर्षीय पत्नी रीना को बुधवार को दिन में तकरीबन नौ बजे प्रसव पीड़ा होने पर परिजन जिला मुख्यालय रविन्द्रनगर स्थित सांकृत्य हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। परिजनों की माने तो जांच के बाद चिकित्सक प्रसूता की ऑपरेशन करने की बात कहते हुए काउन्टर पर रुपये जमा करने के लिए कहा। परिजनों द्वारा रुपये जमा करने के बाद दोपहर में ऑपरेशन से बच्ची पैदा हुई। पति सत्येंद्र ने बताया कि सांकृत्य हॉस्पिटल में एसएनसीयू नहीं होने के कारण मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराना पड़ा। शाम को डॉक्टर ने बताया कि प्रसूता को दो बोतल खून चढ़ाना पड़ेगा। इंतजाम करिए। रीना का भाई व पति ने एक-एक बोलत खून दिया। परिजनों का कहना है इलाज के दौरान डाक्टर की लापरवाही के कारण बुधवार की रात तकरीबन आठ बजे रीना की मौत हो गई। जब परिजनों को रीना की मृत्यु की जानकारी हुई तो वह आक्रोशित हो उठे और हास्पिटल परिसर में हो-हल्ला करने लगे यह देख हास्पिटल के स्टाफ मृतका के परिजनों पर धौस जमाकर चिकित्सक की लापरवाही पर पर्दा डालने की गरज से मारपीट शुरू कर दिया। इधर सत्येंद्र के रिश्तेदारों को जब इसकी जानकारी हुई तो वह भी सांकृत्य हॉस्पिटल पहुंच गए और जमकर हंगामा शुरू कर दिया। इसकी जानकारी जब रविन्द्रनगर पुलिस को हुई तो तत्काल मौके पर पहुंचकर किसी तरह से आक्रोशित परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। परिजन हास्पिटल संचालक व चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने के जिद पर अड़े रहे । घटना के दुसरे दिन मृतका के पति सत्येंन्द्र जिलाधिकारी व रवीन्द्रनगर थाने पर प्रार्थना पत्र देकर हास्पिटल संचालक व चिकित्सक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगायी। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल सीएमओ को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया, जबकि रवीन्द्रनगर पुलिस ने प्राप्त तहरीर पर अभी तक हास्पिटल संचालक व चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज नही किया गया है। रवीन्द्रनगर थानाध्यक्ष शरद भारती का कहना है कि विभागीय जांच चल रही है। यह पूछे जाने पर कि तहरीर व मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने अब क्या कार्रवाई की है इस पर एसओ ने कहा मेडिकल रिपोर्ट उन्हें प्राप्त नही हुआ है सीएमओ के रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक प्रसूता की मौत अधिक रक्तस्राव के कारण बतायी जा रही है।

 

जांच के दौरान नही मिली महिला चिकित्सक 

जिलाधिकारी ने निर्देश पर सीएमओ द्वारा नोडल अधिकारी के नेतृत्व में गठित जांच टीम शुक्रवार को सांकृत्य हॉस्पिटल पहुंची। इस दौरान आपरेशन करने वाली महिला चिकित्सक नदारत मिली। हास्पिटल के स्टाफ ने बताया कि डॉक्टर नहीं हैं। टीम ने प्रसूता के इलाज का बीएचटी मांगा तो एक कर्मचारी ने बताया कि घटना की रात मौके पहुंची पुलिस बीएचटी अपने साथ लेकर गई है। तकरीबन एक घंटे तक चली पूछताछ के बाद टीम लौट गई।

 

जानकार बोले

 

जानकारों का कहना है कि आपरेशन के बाद रक्तस्राव अधिक होने से प्रसूता की मौत होती है तो इसमे चिकित्सक की लापरवाही से इंकार नही किया जा सकता है। 

कही मामला मैनेज तो नही हो गया 

सूत्र बताते है कि यह मामला मैनेज हो गया है या फिर मैनेज होने के कगार पर है। इस मामले को मैनेज करने में दलाल व अन्य प्राइवेट हास्पिटल के संचालक लगे हुए है। सूत्रो का कहना है कि सांकृत्य हास्पिटल के संचालक डाॅ.अंशुमान पाण्डेय के पिता व सेवानिवृत्त एमवाईसी डाॅ. एके पाण्डेय भी अपने स्तर से विभागीय जांच को मैनेज करने में जुटे है।सूत्रो के दावे मे कितनी सच्चाई है है यह जाच का विषय है। 

 

 मेडिकल कालेज मे है तैनात

 

सूत्रो की माने तो सांकृत्य हास्पिटल के संचालक डाॅ.अंशुमान पाण्डेय व उनकी पत्नी डाॅ.सोनाक्षी पाण्डेय कुशीनगर मेडिकल कालेज में तैनात है। अब सवाल यह उठता है कि जब डाॅ. अंशुमान पाण्डेय व उनकी पत्नी डाॅ. सोनाक्षी पाण्डेय जब मेडिकल कालेज मे पोस्टेड है तो फिर वह प्राइवेट हास्पिटल का संचालन व प्रैक्टिस कैसे कर रहे है? ऐसे में कहना मुनासिब होगा कि कही न कही विभाग-ए-जिम्मेदार का इन्हे संरक्षण प्राप्त है।

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