डीआईओएस कार्यालय के लेखा अनुभाग की कारस्तानी, किया 62.8 लाख रुपये का फर्जी भुगतान

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय 

सफल समाचार कुशीनगर 

डीआईओएस कार्यालय के लेखा अनुभाग की कारस्तानी, किया 62.8 लाख रुपये का फर्जी भुगतान

 

सप्तम मण्डल गोरखपुर आडिट टीम ने किया फर्जी भुगतान का खुलासा

 

 कुशीनगर बुद्ध इंटरमीडिएट कालेज का मामला

 

 जद मे है जिले के बहुतेरे विद्यालय 

 

कुशीनगर। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय द्वारा माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को मनमना एरियर व निर्धारित वेतन से अधिक भुगतान किये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। मंडलीय आडिट टीम सप्तम मण्डल गोरखपुर ने जांच में बुद्ध इंटरमीडिएट कालेज कुशीनगर के प्रधानाचार्य व सहायक अध्यापक सहित 21 शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के कुल 62.8 लाख रुपये के अनियमित व फर्जी भुगतान का खुलासा किया है। यह खेल जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के लेखा अनुभाग व जिम्मेदारो के मिलीभगत से की गयी है। सूत्रो का दावा है कि वित्तीय अनियमितता का यह मामला तो महज एक बानगी है। जनपद के माध्यमिक विद्यालयो मे शिक्षक एंव शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के ऐसे अनगिनत भुगतान हुए है जिसकी निष्पक्ष जांच हो जाए तो विभाग -ए-जिम्मेदार सहित सबकी पोल खुल जायेगी। कहना ना होगा कि आडिट टीम द्वारा उजागर किये गये फर्जी भुगतान के मामले को जेडी गोरखपुर ने संज्ञान लेते हुए डीआईओएस को पत्र जारी करके निर्धारित वेतन से अधिक किये गये भुगतान की राशि को वसूली करने का निर्देश दिया है 

 

काबिलेजिक्र है कि संयुक्त शिक्षा निदेशक सप्तम मंडल गोरखपुर सतीश चंद सिंह द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक को जारी किये गये आदेश के पत्रांक 2333-36 दिनांक 30 मई 2025 मे कहा गया है कि वित्त एवं लेखाधिकारी, मंडलीय आडिट टीम, सप्तम मंडल, गोरखपुर के जांच रिपोर्ट दिनांक 15 मई 2025 में खुलासा किया है कि बुद्ध इंटर कालेज, कुशीनगर के प्रधानाचार्य व सहायक अध्यापकों समेत 21 शिक्षणेत्तर कर्मियों के अभिलेखों की जांच में उजागर हुआ है कि उनके वेतन निर्धारण से अधिक धनराशि का भुगतान अनियमित व फर्जी तरीके से किया गया। यह कुल धनराशि 62.8 लाख रुपये अनुमानित हैं। इस धनराशि को सभी शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से वेतन के साथ 36 मासिक किश्तों में वसूली किया जाना नियमानुसार अनिवार्य है। सूत्रो की माने तो निर्धारित वेतन से अधिक व मनमाना एरियर भुगतान का खेल लेखा अनुभाग व विभाग-ए-जिम्मेदार की मिलीभगत से की गयी है। सूत्रो का कहना है कि बुद्ध इंटरमीडिएट कालेज का यह खुलासा महज एक बानगी है। ऐसे कितने भुगतान जिले के माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को किया गया है, यह तो विस्तृत जांच के बाद ही खुलासा हो सकेगा।

 

साहब! दोषियों को क्यो बचाया जा रहा है

बतादे कि संयुक्त शिक्षा निदेशक, सप्तम मंडल गोरखपुर के आदेश मे प्रधानाचार्य व सहायक अध्यापक सहित 21 शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से निर्धारित वेतन से अधिक भुगतान की धनराशि (जो तकरीबन 60.8 लाख रुपये) 36 किश्तों में वसूली करने का निर्देश दिया गया है जबकि फर्जी व अनियमित भुगतान करने वाले लेखा अनुभाग व जिम्मेदार अफसरो के खिलाफ कार्रवाई के लिए कोई आदेश नही किया गया है। इससे स्पष्ट है कि जेडी कार्यालय गोरखपुर सीधे तौर पर कुशीनगर डीआईओएस कार्यालय के लेखा अनुभाग के दोषी कर्मचारियों व जिम्मेदार अफसरों को बचाने में लगा है। अब सवाल यह उठता है कि प्रधानाचार्य व सहायक अध्यापक समेत 21 शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से वसूली कराकर वित्तीय अनियमितता जैसे जघन्य अपराध पर पर्दा डाला जा सकता है क्या ? क्या वेतन से अधिक व फर्जी भुगतान करने वाले अधिकारी व कर्मचारी दोषी नही है? जानकारों की माने तो लेखा अनुभाग में लिपिक व जिम्मेदारों की तैनाती आंकिक परीक्षण के लिए ही होती है,फिर कैसेविद्यालय के क्लर्क द्वाराअधिक व फर्जी धनराशि वाले बिल का भुगतान कर दिया। मतलब साफ है इस खेल मे विद्यालय के क्लर्क,शिक्षक एंव शिक्षणेत्तर कर्मचारी, लेखा अनुभाग के लिपिक व अधिकारी समेत विभाग के जिम्मेदार की मिलीभगत है। ऐसे मे इन दोषियों को अभयदान देने का मतलब जेडी कार्यालय की भूमिका पर अंगुली उठना स्वभाविक है। 

 

और डीआईओएस का नही उठा फोन

 

इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक श्रवण कुमार गुप्त से उनके सीयूजी नम्बर पर दो बार काल करके सम्पर्क किया गया। इस दरमियान लगातार घंटी बजती रही किन्तु डीआईओएस ने काल रिसीव नही किया जिसके वजह से विभागीय नही मिल सका है। हालाकि विभागीय सूत्रो का कहना कि जेडी का आदेश डीआईओएस को प्राप्त हो चुका है।

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