पिता की जगह पुत्र करता था लेखपाली की नौकरी, फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने वाले कानूनगो का कारनामा

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार
प्रवीण शाही

जांच को लीपापोती करने के लिए पिता-पुत्र तहसीलदार को मैनेज करने मे लगे।

कुशीनगर । फर्जी तरीके से नौकरी हासिल कर तीन दशक से सरकार को चूना लगा रहे लेखपाल से कानूनगो बने मदन मिश्रा के फर्जीवाड़े का एक और कारस्तानी सामने आया है। यह वही मदन मिश्रा है जिन्होंने लेखपाल के पद पर रहते हुए कभी ड्यूटी नही किए। बताया जाता है कि वर्षों तक तमकुहीराज व कसया तहसील मे लेखपाल के रूप मे कार्यरत रहे मदन मिश्रा की नौकरी उनका बेटा अजित मिश्रा करता था। मीडिया ने उस समय इस मामले को बडी प्रमुखता से उठाया था लेकिन मदन मिश्रा ने अधिकारियों को चढावा चढ़ाकर हर बार मामले को मैनेज करते रहे। यही वजह है कि अपनी फर्जी नौकरी को बचाने और रिटायर्मेंट के बाद पेंशन का लाभ पाने के लिए मदन मिश्रा अधिकारियों को मैनैज करने मे लगे है।

काबिलेगौर है कि मदन मिश्रा के फर्जीवाड़े की फेहरिस्त बहुत लंबी है। विभागीय सूत्र बताते है कि मदन मिश्रा न सिर्फ फर्जी तरीके से नौकरी हासिल कर लेखपाल बने है बल्कि कुशीनगर जनपद के तमकुहीराज व कसया तहसील मे जब तक वह लेखपाल के पद पर कार्यरत रहे वह कभी नौकरी नही किये। विभागीय सूत्रों का दावा है कि मदन मिश्रा की जगह उनका पुत्र अजित मिश्रा अपने पिता की नौकरी करता था। अजित मिश्रा सरकारी अभिलेखों मे भी अपने पिता मदन मिश्रा का फर्जी हस्ताक्षर बनाता था। इसके पीछे कारण यह था कि पिता के फर्जीवाड़े का पोल न खुल जाये। चर्चा-ए-सरेआम है कि पिता की फर्जी नौकरी को बेटा अजित मिश्रा बडी दबंगई से करता था। अजित मिश्रा हल्का मे जरूरतमंद लोगों पर न सिर्फ रौब दिखाता था बल्कि किसी काम को करने के लिए खुलेआम दबंगई से मोटी रकम घूस लेता था। इतना ही नही फर्जी नियुक्ति पत्र पर नौकरी हथियाने वाले मदन मिश्रा के पुत्र अजित मिश्रा की दबंगई और गुण्डई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह क्षेत्र मे लोगो को बर्बाद करने तक की घमकी देता था और लोग कुछ नही बोल पाते थे।

👉 दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा स्पष्ट
विभागीय सूत्रों का दावा है कि मदन मिश्रा के नाम से प्रेषित सभी सरकारी रिपोर्ट पर अंकित हस्ताक्षर और मदन मिश्रा द्वारा स्वंय किये गये हस्ताक्षर की मिलान करा ली जाये तो दूध का दूध और पानी का पानी स्पष्ट हो जायेगा। इसके अलावा जिन तहसील क्षेत्रो मे मदन मिश्रा की तैनाती रही है उस तहसील क्षेत्र के हल्के मे मदन मिश्रा और अजित मिश्रा को खडा कर लोगो से पहचान करा लिया जाये कि क्षेत्र का लेखपाल कौन है तो सच्चाई खुद-ब-खुद सामने आ जायेगी । कहना न होगा कि फर्जी नौकरी हासिल करने वाले मदन मिश्रा वर्ष 2020 मे जब तमकुहीराज तहसील मे तैनात थे उस समय मीडिया ने पिता की जगह नौकरी कर रहा है पुत्र के इस प्रकरण को प्रमुखता से उठाया था लेकिन मदन मिश्रा व उनके पुत्र अजित मिश्रा ने उच्चाधिकारियों को चढावा चढ़ाकर मामले को मैनेज कर लिया था। यहा बताना जरूरी है कि फर्जी नौकरी कर रहे कानूनगो मदन मिश्रा के खिलाफ एक पत्रकार ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, प्रमुख सचिव राजस्व, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी कुशीनगर के अलावा जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत किया है। जनसुनवाई पोर्टल पर किये गये शिकायत की जांच के लिए तहसीलदार पडरौना को नामित किया गया है। विभागीय सूत्र बताते है कि जांच को लीपापोती करने के लिए कानूनगो मदन मिश्रा और उनके पुत्र अजित मिश्रा तहसीलदार को हर स्तर से मैनेज करने मे लगे है। जबकि अभी अन्य जांच बाकी है।

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