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आकाश राय
महाकुंभ-2025 के जरिये भारत के सांस्कृतिक गौरव से देश-दुनिया को परिचित कराने के लिए पहली बार महाभारत सर्किट बनाने की योजना है। इस सर्किट में प्रयागराज की महाभारतयुगीन घटनाओं से लोग साक्षात्कार कर सकेंगे। इसके लिए इस सर्किट में पांडवों को जिंदा जलाकर मारने के लिए दुर्योधन की ओर से बनवाए गए तिलिस्मी किले लाक्षागृह को शामिल किया जाएगा।
हंडिया स्थित दुर्योधन के तिलिस्मी किले के साथ ही कौशाम्बी को भी इस सर्किट में शामिल करने की योजना है। महाकुंभ के जरिये भारत के सांस्कृतिक वैभव से दुनिया को परिचित कराने के लिए प्रदेश सरकार ने यह परिकल्पना की है। शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित लाक्षागृह को महाभारत सर्किट में शामिल करते हुए बड़े टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने की तैयारी है। इसके लिए पर्यटन निदेशालय ने खाका खींच लिया है।
इस सर्किट में हस्तिनापुर, कांपिल्य, एछत्र, बरनावा, मथुरा, कौशाम्बी, गोंडा से लेकर लाक्षागृह तक की पर्यटक परिक्रमा यात्रा कर सकेंगे। पर्यटन महानिदेशक मुकेश मेश्राम के समक्ष इस सर्किट का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा चुका है। महाभारतकालीन लाक्षागृह को विकसित किया जा रहा है। वहां कुंती दरबार, भगवान कृष्ण, अर्जुन और विदुर की प्रतिमाओं के भी दर्शन होंगे। इस लाक्षागृह में प्रवेश करने के लिए वहां व्यास द्वार भी बनाया गया है। लाक्षागृह में कृष्ण के शंख पांचजन्य को भी पर्यटक देख सकेंगे।