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मयंक तिवारी
छह दिन पहले मारपीट की घटना में घायल युवक की हल्द्वानी के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत होने के बाद परिजनों भड़क गए। परिजन शव लेकर कोतवाली गेट पर आ गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया। वे हत्या के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
16 नवंबर को हल्दुआ गांव निवासी मुन्ना लाल ने पुलिस को तहरीर देकर कहा था कि उनका पोता अरुण कश्यप (18) पुत्र कृष्णपाल कश्यप अपने साथी अजय के साथ 14 नवंबर की रात करीब 8:30 बजे बाइक से सिसैया से हल्दुआ लौट रहा था। आरोप लगाया था कि रास्ते में सिसैया गांव निवासी जुनैद और उसके 5-6 अज्ञात साथियों ने मारपीट कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। परिजनों ने गंभीर रूप से घायल अरुण को हल्द्वानी निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां रविवार को इलाज के दौरान अरुण ने दम तोड़ दिया। हल्द्वानी में युवक का पोस्टमार्टम कराया गया।
रविवार की शाम को अरुण का शव लेकर परिजन और ग्रामीण सितारगंज कोतवाली की ओर आने लगे। आक्रोशित भीड़ को कोतवाली की ओर आते देख नकुलिया चौराहे पर पुलिस ने घेराबंदी कर भीड़ को रोकना चाहा लेकिन आक्रोशित भीड़ पुलिस की घेराबंदी तोड़कर कोतवाली गेट पर पहुंच गई। कोतवाली का गेट बंद कर देने पर ग्रामीण शव को एंबुलेंस से नीचे उतारकर सड़क पर ही बैठ गए। ग्रामीणों ने पुलिस से जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
इधर एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल, एसडीएम तुषार सैनी, तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी और सीओ ओमप्रकाश शर्मा ने परिजनों और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। एसपी सिटी मनोज कत्याल ने मामले की विवेचना किच्छा कोतवाल को सौंपने, सिसैया में पुलिस चौकी स्थापित करने का प्रस्ताव भेजने व तब तक के लिए पुलिस पिकेट लगाने, परिजनों को मुआवजे के लिए प्रशासन की ओर से रिपोर्ट भेजने और आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी करने का आश्वासन दिया। आश्वासन के बावजूद प्रदर्शनकारी देर रात तक चार घंटे से ज्यादा समय से कोतवाली पर डटे हुए थे।