सफ़ल समाचार अजीत सिंह
सोनभद्र :-जनपद एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी सी ए डब्ल्यू सोनभद्र एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र द्वारा राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर मिर्जापुर के निरीक्षण के दौरान दौरान तमाम खामियां पाई गई।समिति द्वारा किए गए निरीक्षण में मुख्य रूप से पाया गया कि जो धनराशि शासन द्वारा बच्चों किशोरों पर खर्च की जा रही है उस धनराशि को निकाला तो जा रहा है परंतु जिन सामग्री में चाहे वह कपड़े हो दवा हो बच्चे के नहाने की साबुन हो अथवा उनके खाने में इस्तेमाल की जा रही इसका लेखा-जोखा नही रखा जाता है कि कितनी धनराशि निकाली गई है क्या वह सामान संप्रेषण गृह को प्राप्त हुआ या नहीं इसका कोई भी लेखा-जोखा सामानों की धनराशि निकाली गई है क्या वही समान राजकीय संप्रेषण गृह किशोर को प्राप्त हुआ है या नहीं इसका कोई भी लेखा-जोखा किसी रजिस्टर में समिति के द्वारा नहीं पाया गया।निरीक्षण में यह भी पाया गया कि बच्चों को जो सामान दिया गया है वह किस मूल्य का था अथवा क्या वह वही सामान था। उक्त बजट की किस मद में निकासी की गई, इसका भी कोई विवरण संप्रेषण गृह के पास नहीं था निरीक्षण समिति के द्वारा समस्त रजिस्टर मय बजट रजिस्टर सामान का आय-व्यय से संबंधित अभिलेखों का अवलोकन किया। बजट रजिस्टर में समिति के द्वारा पाया गया कि रजिस्टर में अंकित धनराशि पर ओवरराइटिंग व सफेदा लगा हुआ पाया गया। जिससे समित को यह प्रतीत हुआ की बजट रजिस्टर में हस्ताक्षर के दौरान बजट का विवरण कुछ और था जिसे बाद में फेरबदल किया गया। जिस पर समिति ने घोर आपत्ति जताते हुए सुधार किए जाने हेतु प्रभारी अधीक्षक को सख्त निर्देश दिया गया। उक्त विषय में निरीक्षण समित द्वारा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र, को निर्देशित किया गया कि इस संबंध में जिलाधिकारी मिर्जापुर को जांच करने हेतु पत्र प्रेषित किया जाए। वही स्टॉक रजिस्टर के अवलोकन के दौरान पाया गया कि आए हुए सामानों का विवरण रजिस्टर में इंद्राज नहीं किया गया है ,आश्चर्य तो तब हो गई की सरकारी खजाने से नहाने की साबुन रुपए 70 प्रति नग कि दर से भुगतान भी कर दिया गया जबकि यह अंकित नहीं किया गया है कि साबुन का क्या नाम है और ना ही उक्त साबुन संप्रेक्षण गृह को प्राप्त कराया गया है कि नही।इसका न तो कोई उल्लेख और ना ही कोई विवरण संप्रेषण गृह किशोर मिर्जापुर के पास उपलब्ध था।किशोरों के दाखिला के समय जो धनराशि जमा कराई जाती है उसका विवरण संबंधित पंजिका में उल्लेख किया जाता है उसे प्रभारी अधीक्षक के पास रखा जाता है वह उक्त धनराशि को किशोरों के जाने के समय प्रभारी अधीक्षक द्वारा संबंधित किशोरों को वापस कर दिया जाता है।उक्त धनराशि का विवरण पंजिका में दर्ज नहीं था जो जांच का विषय है।समिति के द्वारा निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि राजकीय संप्रेक्षण गृह में कई खामियां पाई गई थी।उक्त समस्त प्रकरण को जिस पर समिति ने घोर आपत्ति जताते हुए सुधार करने की सख्त हिदायत दी गयी। अतः निरीक्षण समिति द्वारा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र को निर्देशित किया गया कि उक्त विषय में जांच हेतु पत्र जिलाधिकारी मिर्जापुर को जांच कराने हेतु अविलंब प्रेषित किया जाए जिसकी आख्या 2 सप्ताह के भीतर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र के कार्यालय में उपलब्ध कराने हेतु भी लिखा जाए ।यदि उक्त से सम्बंधित वस्तु स्थिति स्पष्ट नहीं होती है तो उक्त समस्त प्रकरण को माननीय उच्च न्यायालय को संदर्भित भी कर दिया जाएगा ।