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शेर मोहमद
देवरिया महायोजना-2031 को पर आईं 548 आपत्तियों की सुनवाई कलेक्ट्रेट सभागार में तीन दिनों तक चली। शुक्रवार को अंतिम दिन केवल आपत्ति करने वाले 324 लोग उपस्थित हुए। अब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति आगे कार्रवाई करेगी। आपत्तियां अधिकतर सड़क की चौड़ाई को लेकर हैं। मास्टर प्लान-2001 में जिन सड़कों की चौड़ाई जितनी थी, उतनी ही रहेगी। इतना जरूर है कि पुराने मकान तोड़े नहीं जाएंगे, लेकिन नया निर्माण कराने पर नए सिरे से भूमि को सड़क के लिए छोड़नी पड़ेगी।
महायोजना को लेकर आपत्तियों की भरमार है। सबसे अधिक करीब 350 आपत्तियां केवल सड़क के चौड़ीकरण को लेकर आई थी। इसमें अधिकतर लोगों को कहना है कि नगर पालिका, जलकल रोड, नगर पालिका, मोती लाल रोड को 80 फीट करने पर मकानों को तोड़ना पड़ेगा। विभाग का मानना है कि मास्टरप्लान 2001 में यह मानक निर्धारित है। इसमें बदलाव नहीं किया जाएगा। इतना जरूर है कि मकानों को तोड़ा नहीं जाएगा। अगर इन जगहों पर नया मकान निर्माण होगा तो उसका मानचित्र तभी स्वीकृति होगा, जब सड़क के लिए भूमि छोड़ी जाएगी।
डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक दीक्षित ने बताया था कि मास्टर प्लान-2001 में जब प्रस्ताव पास किया गया। उस हिसाब से वर्तमान समय में विकास नहीं हुआ है। व्यावसायिक प्रस्ताव पास किया गया था वहां आवासीय निर्माण हो गया। 2001 में प्रभाव शुल्क को प्रस्तावित नहीं किया गया था, जिसका महायोजना-2031 में प्रस्ताव को पास किया जा रहा है।
शहर में कई ऐसी सड़कें हैं, जिसका निर्माण होने के बाद भी 2001 के प्रस्ताव को 2031 में भी रखा गया है, जो संभव नहीं है। इसको देखते हुए डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने प्रभाव शुल्क को समाप्त कर पहले की योजना को बदलने के लिए अनुरोध किया।
मानचित्रकार संघ विजय कुमार सिंह ने कहा कि महायोजना-2001 में जो सड़कें प्रस्तावित की गई थीं। उसमें आवासीय व व्यवसायिक मकान बने हैं। चौड़ीकरण से मकानों को तोड़ना पड़ेगा। पुरानी प्रस्तावित सड़कों को 2001 की योजना के तहत रखने पर उसे चिह्नित किया जाए। सड़क के दोनों तरफ 50-100 मीटर व्यवसाय के लिए जगह को छोड़कर आवासीय भाग को रखा जाए।
पार्क, क्रीड़ास्थल को सुचारु रूप देने दिया जाए। ताकि महायोजना-2031 सफल हो। कृषिगत और औद्योगिक क्षेत्र बाईपास रोड एरिया के बाहर रखा जाए। इस दौरान टाउन प्लानर हितेश, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राजेश कुमार, जल निगम के अखिल आनंद, मास्टरप्लान के जेई एके ओझा मौजूद रहे।
एसडीएम सौरभ सिंह ने कहा कि महायोजना को लेकर कुछ लोगों में भ्रम है। किसी का मकान तोड़ा नहीं जाएगा। मास्टर प्लान-2001 के तहत जो प्रस्ताव बने हैं, उसी हिसाब से सड़क निर्माण किया जाना है। कमेटी आपत्तियों का निराकरण आने वाले समय में करेगी। जो आए थे, उनकी सुनवाई की गई है और साक्ष्य लिए गए हैं।