नाबालिग युवक पर जानलेवा हमला, परिवार में दहशत का माहौल, पहले भी पत्रकार अजित सिंह पर जानलेवा हमला कर चुके है आरोपी

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार अजीत सिंह

ओबरा-ओबरा में एक युवक पर दो लोगों द्वारा मिलकर धारदार हथियार से जानलेवा हमले का प्रयास करने का मामला सामने आया है। धारदार हथियार के हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। वहीं पीड़ित के शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ 307 का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।ओबरा थाना क्षेत्र के सेक्टर 3 में सोमवार रात दो युवकों ने एक युवक पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला किया। आरोपितों ने युवक के पीठ पर धारदार हथियार से कई जगह गोद डाला। हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।विवाद होता देखकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। लोगों को आता देख आरोपी धमकी देकर फरार हो गए। घटना के बाद सूचना पर मौके पर पहुँची प्रशासन ने बिना देर करते हुए खुद की वाहन से पीड़ित को चोपन सामुदायिक केंद्र पहुँचाया। जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल लोढ़ी के लिए रेफर कर दिया।
फिलहाल घायल खतरे से बाहर बताया जा रहा है। पीड़ित पक्ष ने थाने में तहरीर दी है। पुलिस में दी तहरीर में अल्तमश और तनवर निवासी चूड़ी गली ओबरा पर धारदार हथियार से हमला करने का आरोप लगाया है।
बताते चले कि, आरोपियों द्वारा अनुराग त्रिपाठी 17 वर्ष पुत्र हरीश चंद्र त्रिपाठी पर जान लेवा हमला करने का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी आरोपीयों में से एक अल्तमश द्वारा कुछ महीने पहले हिंदी दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार अजीत सिंह पर भी जानलेवा हमला किया जा चुका है। लेकिन पत्रकारों पर हमला करने वाले के खिलाफ कठोर-से-कठोर कार्रवाई करने का आदेश देने वाले सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी के आदेश की अवहेलना करके प्रशासन ने अजित सिंह मामले को ठंडा करने का भरपूर प्रयास किया और जानलेवा हमले की धारा को आम धारा में तब्दील कर दिया गया। लिहाजा दबे जुबान आम लोगों का कहना है कि अगर पत्रकार अजित सिंह मामले पर प्रशासन हीलाहवाली न करते हुए आरोपियों को गंभीर धारा में हवालात की हवा खिलाई होती तो शायद पीड़ित अनुराग त्रिपाठी पर धारदार हथियार से हमला करने की चेष्टा आरोपियों द्वारा नहीं होती। गंभीर धारा से बचने के बाद आरोपियों के हौसले इतने बुलंद है कि ओबरा थाने क्षेत्र में कही भी किसी से भी कहासुनी हो जाये तो आरोपी धारदार हथियार से हमले करने से भी बाज नहीं आएंगे। बात यहाँ तक भी कही जा रही है कि आरोपियों की पहुँच बहुत ऊची है और हर मामले को दबाने के लिए बाकायदा एक टीम भी इनके पास है। अपने सर पर ऊची पहुँच का कवच होने पर आरोपी बैखौफ होकर किसी भी घटना को अंजाम देने से पहले परिणाम तक कि चिंता नहीं करते। फिलहाल मनबढ़ आरोपियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो और भी मनबढ़ युवक थाना क्षेत्र में अपना वजूद कायम करने की कोशिश करने लगेंगे।

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