बच्चों और युवाओं को नशीली पदार्थों के दुरुपयोग से रोकने के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई महत्वपूर्ण बैठक

उत्तर प्रदेश देवरिया

सफल समाचार
शेर मोहम्मद

डीएम ने संबंधित अधिकारियों को बच्चों और युवाओं को नशीले पदार्थों के प्रति जागरूक करने के लिए दिया निर्देशवरिया

स्कूलों/शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में बीडी/सिगरेट, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री रोकने के लिए अधिकारियों को किया निर्देशित

जनपद में अवैध रूप से संचालित हुक्काबार के विरुद्ध कार्रवाई का दिया निर्देश

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में नशीले पदार्थों और बच्चों के नशीली दवाओं के सेवन से रोकने के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें अधिकारियों को बच्चों और युवाओं को नशीली दवाओं और पदार्थों के दुरुपयोग से रोकने के लिए निर्देशित किया गया। बैठक में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देशित किया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि नशीले पदार्थों के आदी व्यक्ति समान्यतः विक्टिम होते हैं और किसी कारण विशेष की वजह से नशे की गिरफ्त में फंसते जाते हैं। नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों के साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यकता है। नशे के आदी व्यक्तियों को समाज की मुख्य धारा में वापस लाने के लिए आईसीआरए, गोरखपुर में निःशुल्क सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में नशे के प्रमुख हॉटस्पॉट को चिन्हित किया जाए। एनएसएस, नेहरू युवा केन्द्र, एनसीसी एवं स्काउट गाइड के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा। नशे के अभ्यस्त व्यक्तियों को मुख्य धारा में वापस लाने के लिए ग्राम प्रधानों का भी सहयोग लिया जाएगा।जिलाधिकारी ने जनपद में अवैध रूप से संचालित हुक्का बार के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि नशे की वजह से घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से नशा मुक्ति अभियान में सहयोग कर सकती हैं। उन्होंने जनपद में सक्रिय स्वयं सहायता समूह, आशा एवं आँगनबाड़ी कार्यकत्री की कैपेसिटी बिल्डिंग एवं टारगेटेड अप्रोच के साथ कार्य करने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में सिगरेट, गुटखा एवं अन्य नशीले पदार्थों के विक्रय को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया। समस्त एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में इस अभियान के संचालन के लिए उत्तरदायी होंगे।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि संयुक्त कार्य योजना बनाकर उस कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए कोचिंग सेंटरों सहित स्कूलों/शैक्षणिक संस्थानों के आसपास के क्षेत्रों में शराब की बिक्री न होने पाएं, बच्चों के लिए कोचिंग सेंटर सहित स्कूलों/शैक्षणिक संस्थानों के आसपास के क्षेत्रों में बीडी/सिगरेट, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री न हो, ये सुनिश्चित किया जाए।किसी भी फार्मेसी/केमिस्ट शॉप/मेडिकल स्टोर द्वारा बिना प्रिस्क्रिप्शन के बच्चे को शेड्यूल एच या एक्स ड्रग्स या अन्य अवैध दवाएं बेचने पर पूरी तरह से रोक के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। बच्चों में मादक द्रव्यों के सेवन का शीघ्र पता न लगना, नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन वाले बच्चों के लिए अलग या अनन्य नशामुक्ति और पुनर्वास सुविधाओं का अभाव होने पर जिलाधिकारी ने चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को बताया कि सड़क पर बड़ी संख्या में बच्चे ड्रग्स और अन्य पदार्थों का उपयोग करते दिखाई दें तो प्रशिक्षित पेशेवरों की कमी को दूर करते हुए बच्चों में संवेदनशीलता और सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना सुनिश्चित करें।

बैठक में एडीएम प्रशासन गौरव श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ राजेश सोनकर, जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल सोनकर, एडीआईओएस महेंद्र कुमार, सीनियर स्टेट कॉर्डिनेटर श्रेया, डॉ रीना मालवीय सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।

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