झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ : निजी क्लीनिक खोलकर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे झोलाछाप, कार्रवाई नहीं

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार

जूगैल थाना क्षेत्र इलाके में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गई है। जिसके चलते जगह-जगह एक ही दुकान में अपना पूरा निजी अस्पताल खोलकर झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिक चला रहे हैं। बिना योग्यता वाले यह डॉक्टर मरीजों को अपनी बातों के जाल में फंसाकर गंभीर बीमारियों का शत-प्रतिशत इलाज कर बीमारी से निजात दिलाने का दावा करते है। इसके बदले में वह मरीज से मोटी फीस वसूल कर रहे है।
यहां बताना लाजिमी होगा कि मदाआईन, सेमिया, में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है, यहां हर गली-मोहल्ले में झोलाछाप डॉक्टरों के 4-5 क्लीनिक खुले हुए है। जिनके द्वारा मरीजों का इलाज उनकी जान जोखिम में डालकर किया जा रहा है। हैरत की बात यह है कि यह झोलाछाप डॉक्टर हर मरीज यानी किसी भी गंभीर बीमारी व गंभीर मरीज का इलाज करने में भी नहीं चूक रहे है।
इनमें कई डॉक्टर तो ऐसे है जो 12वीं तक पास नहीं है। यह डॉक्टर न सिर्फ क्लीनिक चला रहे है बल्कि, ऑपरेशन थिएटर बनाकर मरीजों का बिना किसी अनुभव के ही सर्जरी कर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे ही डॉक्टर जो अपनी दुकान के बाहर डॉक्टर बंगाली का नाम का बोर्ड लगाकर बवासीर व भगंदर जैसी बीमारी का ऑपरेशन कर बीमारी से निजात दिलाने का दावा कर रहे है। अवैध रूप से संचालित क्लीनिक जूगैल, इसके बाद कार्रवाई ठप,
गांवों में क्लीनिक खोलकर हो रही मरीजों के साथ ठगी झोलाछाप डॉक्टर गांवों में बाकायदा अस्पताल खोलकर मरीजों का इलाज कर रहे है। ये डॉक्टर मरीजों को अपनी बातों से फंसाकर ठीक करने की गारंटी का भरोसा दिलाते हुए मनमानी फीस वसूलते है। जबकि इनका इलाज कभी भी मरीज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यह डॉक्टर अपने पास से मरीजों को एन्टीबायटिक, बुखार, दर्द की दवाईयां देने के साथ ही बाकायदा पर्चे पर भी दवाई लिखकर मरीजों को बाजार में अपने परिचित दुकानदार से खरीदने को कहते है। मेडिकल स्टोर्स संचालक भी इन डॉक्टरों की पर्ची पर लिखी, दवाईया मरीजों को दे देते है। जिन पर डॉक्टरों का कमीशन होता हैं। अस्पताल में नहीं हो रही डिलीवरी सोनभद्र के आदिवासी अंचल जूगैल गांव में गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की सुविधा नहीं है। दरअसल स्वास्थय विभाग के द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही आदिवासी बेल्टों में नाबालिक बच्चे भी दवा विक्रेता बन जाते हैं आदिवासी इलाकों में देखने को अक्सर मिलता है। स्वास्थ्य विभाग के बिना भय से चलाई जा रही हैं मेडिकल क्लीनिक झोलाछाप डॉक्टरों का दुकान स्वास्थ्य विभाग मौन। मदाआईन, चौरा, बिजोरा, मीना बाजार, करगरा,कोन, ओबरा, में गर्भवती महिलाओं के प्रसव हेतु भव्यतम सुभिधा दे दी गई है। मगर स्टाफ नर्स, सफाई व्यवस्था हेतु कर्मचारी नही हैं।

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