मानकों को दरकिनार कर हैवी ब्लास्टिंग के साथ धड़ल्ले से जारी है खनन प्रशासन गहरी निद्रा मे

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार अजीत सिंह

बिल्ली ओबरा / सोनभद्र सोनभद्र के ओबरा तहसील के निकट बिल्ली ओबरा में जमकर किया जा रहा है। अति तीव्रता के साथ ब्लास्टिंग कर किया जा रहा है। खनन यहां मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए यह खनन किया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार अनियंत्रित ब्लास्टिंग के कारण आसपास के घरों तक पत्थर पहुंच जाते हैं जिससे किसी भी समय अप्रिय घटना घटने की संभावना बनी रहती है साथ ही अत्यधिक प्रदूषण के कारण आम जनमानस अस्थमा जैसी अन्य बीमारियों के शिकार बन रहे हैं। खनन कार्य तेजी से किया जा रहा है यह खनन कार्य कितने क्षेत्र में होना है अथवा किया जा रहा है इसका पता स्थानीय लोगों को ना चले जिसके लिए कुछ साइन बोर्ड ऐसे भी लगाए गए हैं उज्जैन में लिखा है कि हेलमेट के बिना प्रवेश वर्जित है जबकि ब्लास्टिंग करने वाले कई मजदूर बगैर हेलमेट के ब्लास्टिंग के लिए होल करते और उन्हीं होलों को ब्लास्टिंग मटेरियल से भरते हैं हालांकि खदान में ब्लास्टर लगे हुए हैं किंतु होल मैं ब्लास्टिंग मटेरियल भरने का काम अकुशल दिहाड़ी मजदूरों से कराया जाता है केवल ब्लास्टर की मौजूदगी में ब्लास्टिंग कराया जाता है। और वह भी इतनी तीव्र कि पत्थर के टुकड़े आसपास के घरों में पहुंच जाते हैं।नहीं लगाया गया है और लगातार काम किया जा रहा है यह खदान वास्तव में इतनी गहरी है जितना की किसी बड़े मौत के कुएं के निर्माण से भी ज्यादा गहरा है । जिसके कारण समय-समय पर खनन अधिकारी द्वारा जांच भी कराया जाता है किंतु बावजूद उसके ब्लास्टिंग तीव्रता आज तक कभी कम नहीं किया गया और ना ही प्रदूषण की व्यवस्था हेतु जल छिड़काव किया गया बल्कि आज भी मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए खनन किया जा रहा है जिसके लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा शिकायत पत्र भी दिया गया है तथा स्थानीय लोगों द्वारा और अत्यधिक तीव्रता के साथ ब्लास्टिंग संबंधित प्रार्थना पत्र देने हेतु तैयारी की जा रही है मामला संज्ञान में लाने हेतु समाचार लगाया जा रहा है जिससे खनन क्षेत्र की वास्तविकता से जिलाधिकारी महोदय को अवगत कराया जा सके और संबंधित पर उचित कार्यवाही करते हुए माननीय मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस नीति की पारदर्शिता और गरिमा का ध्यान रखते हुए सुशासन की व्यवस्था की जा सके देखना यह है कि इस तरह की खबरों का जिला प्रशासन क्या संज्ञान लेता है और ऐसे खनन माफियाओं पर क्या कार्रवाई की जाती है।

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