खान अधिकारी सोनभद्र की कार्यशैली संदेहास्पद

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार अजीत सिंह

बिल्ली ओबरा-सोनभद्र ओबरा तहसील की नाक के नीचे बिल्ली में गंगा स्टोन खदान में हाईटेंशन तार के नीचे अनियंत्रित ब्लास्टिंग के साथ जमकर किया जा रहा है अवैध खनन जिसमें अति तीव्रता के साथ ब्लास्टिंग किया जा रहा है। यहां मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए खनन किया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार हाईटेंशन तार के क्षतिग्रस्त होने को लेकर कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना ।

बिजली विभाग ने 1 वर्ष पूर्व दिया था नोटिस फिर भी जारी है अनियंत्रित ब्लास्टिंग से अवैध खनन

बताते चलें कि बिजली विभाग ने पूर्व में इस खदान को नोटिस भी दिया था साथ ही उस समय के उप जिलाधिकारी ने ब्लास्टिंग करने के दौरान नेट लगाकर ब्लास्टिंग करने की हिदायत के साथ खनन करने की अनुमति दी थी । किंतु खदान मालिकों द्वारा इसकी कोई परवाह न करते हुए अत्यधिक तीव्रता के साथ ब्लास्टिंग किया जा रहा है। आलम यह रहा तो कभी भी इसका खामियाजा पूरे प्रदेश को भुगतना पड़ सकता है क्योंकि ओबरा बिजली उत्पादन निगम द्वारा बिजली की बड़ी मात्रा उत्पादन कर हाईटेंशन तार एवं टावरों के माध्यम से प्रदेश के कई हिस्सों में बिजली भेजी जाती है।

गवर्नमेंट ग्रांड की भूमि पर किया जा रहा है अवैध खनन खनिज विभाग मौन क्यों

स्थानीय लोगों के अनुसार तथा जानकारों की मानें तो यह जमीन पट्टे की है जिसका स्वरूप नहीं बदला जा सकता सोनभद्र जिले के कुशल अधिवक्ताओं द्वारा गंगा स्टोन के पट्टे को असंवैधानिक माना है।जिसे खनन के लिए उपयोग में लाना किसी प्रकार उचित नहीं है किंतु बावजूद इसके खनन माफिया बेखौफ अवैध खनन कर रहे हैं ।

खनिज विभाग के इमानदार कर्मचारियों का कहना है खनन अधिकारी की दरियादिली में शामिल है उनका निजी लाभ

खनन माफियाओं का खुलेआम कहना है कि जब तक ऐसे महत्वाकांक्षी दरियादिल खनन अधिकारी जनपद में हैं तब तक हमें मनमाने खनन से कौन रोक सकता है। आश्चर्यजनक बात यह है कि लगातार खबरों के प्रकाशन के बाद भी खान अधिकारी सोनभद्र द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जब खनिज विभाग कार्यालय में इसका पता लगाया गया तो खनिज विभाग कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा कानाफूसी के दौरान बताया गया । खनन अधिकारी श्री आशीष कुमार की महत्वाकांक्षी नीति के कारण दरियादिली आजकल ऐसे सभी खनन माफियाओं पर है जो खनन कार्य मानक के अनुरूप नहीं करते हैं तभी हाल ही में कुछ माह पूर्व जेएमडी खदान में अवैध खनन का समाचार लगाने पर खनिज विभाग द्वारा तत्काल उसे बंद करा दिया गया और कृत कार्यवाही को बताने से बचने का प्रयास खनन अधिकारी आज तक कर रहे हैं। श्री आशीष कुमार की दरियादिली तब सामने आई जब श्री स्टोन से सटे हुए जेएमडी खदान में सोमवार से पुनः धड़ल्ले से अवैध खनन का कार्य किया जा रहा है जिसकी जिसकी शिकायत शिकायतकर्ताओं द्वारा सोमवार को मुख्यमंत्री दरबार में किया जाना तय है।खान अधिकारी श्री आशीष कुमार से इस बाबत जब प्रेसवार्ता किया गया तो उन्होंने यह माना की यह खनन पट्टा तत्काल निरस्त किए जाने योग्य है तथा जल्द ही कार्यवाही की जाएगी किंतु कार्रवाई का आश्वासन देते हुए लगभग 15 दिन से ऊपर हो चुके हैं वही खनिज विभाग के कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि इस तरह की खदानें खनन अधिकारी के दरियादिली से चल रहे है इस दरियादिली के पीछे नियत कितनी साफ है यह कहना अभी सही नहीं होगा किंतु कार्रवाई में विलंब कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है। गर्मी के इन दिनों में जहां पानी जीवन के लिए अमूल्य वस्तु है और मौलिक जरूरत भी किंतु इस तरह के अवैध खनन से आसपास के रहवासियों का जल स्तर गिरता जा रहा है तथा भूगर्भ शुद्ध जल की बड़ी मात्रा अशुद्ध करने में बड़ा योगदान ऐसी खदानें कर रही है । जबकि शुद्ध पेयजल पूरी पृथ्वी पर मात्र 2 से 4 प्रतिशत है । ऐसे में जल की कितनी बड़ी मात्रा अशुद्ध कर सरकार को कितना राजस्व लाभ दिला रहे हैं और कितना बर्बाद कर रहे हैं ।इस खबर का उद्देश्य खदानों को मानक के अनुसार चलाने तथा राजस्व चोरी से सरकार को आगाह करने का है ।ए फिलहाल खनन अधिकारी कार्रवाई करने में भले विलंब करें किंतु समाजसेवियों द्वारा सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच कर खनन अधिकारी की दरियादिली के बारे में संबंधित मंत्रिमंडल व अधिकारियों को जरूर अवगत करा देंगे। चौकी खनिज विभाग माननीय मुख्यमंत्री देख रहे हैं जो कि अपनी जीरो टॉलरेंस नीति में सुप्रसिद्ध है उनकी कार्रवाई की गाज में दरियादिली नहीं रहेगी क्योंकि वह दोषियों को माफ करने में नहीं दंड देने में विश्वास रखते हैं।

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