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शेर मोहम्मद
रुद्रपुर :- मानसून की पहली बारिश दोआबा के 52 गांवों में तबाही मचा रही है। कटारी और भगड़ा नाले पर निर्माणाधीन पुलिया का काम रुक जाने से नरायनपुर-असवनपार और रुद्रपुर-करहकोल मार्ग पर गाड़ियों का आवागमन ठप हो गया है। वहीं पिड़रा पुल के संपर्क मार्ग पर गोर्रा नदी का कटान तेज होने से पुल का संपर्क मार्ग कटने का खतरा बना है।
बंधों की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण को लेकर चैतन्य होने का दावा करने वाले सिंचाई विभाग की लापरवाही की पोल पहली बारिश ने ही खोल दी है। राप्ती नदी पर बना बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का सबसे लंबा तिघरा-मराछी बांध कई जगह दरकने लगा है। भेड़ी कटान के पास बांध बचाने के लिए बना बोल्डर पिचिंग सरक कर गिर रहा है। मानसून की पहली बारिश ही दोआबा के लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। यहां भगड़ा नाले पर पुलिया का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से करहकोल मार्ग बाधित हो गया है। यहां से बड़ी गाड़ियां नहीं गुजर पा रही हैं। बाइक व साइकिल सवारों को भी कीचड़ और पानी में गाड़ी को धक्का लगाना पड़ रहा है। राहगीरों का यही हाल नरायनपुर मार्ग पर है। यहां कटारी नाले पर पुलिया का निर्माण पूरा नहीं होने से असवनपार से होकर बड़हलगंज जाने वाले यात्रियों को दूसरे मार्ग से होकर 50 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है। सपा नेता हरेंद्र सिंह त्यागी ने कहा कि दोआबा में बारिश से हो रही तबाही का जिम्मेदार प्रशासन है। पिड़रा पुल का एप्रोच एक साल में चार बार कट चुका है, लेकिन उसका स्थाई निदान नहीं हुआ। संपर्क मार्ग बचाने के नाम पर करोड़ों रुपये पानी में बह गए। दोआबा के सारे रास्ते बंद हो जाने से दो लाख लोग घरों में कैद हो गए हैं। अभी तो बरसात शुरू हुई है, आगे का समय भयावह हो सकता है। पिड़रा पुल पर कटान हुआ तो दोआबा के लोगों को लेकर तहसील और जिले का घेराव करेंगे। पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन आरके सिंह ने कहा कि पिड़रा पुल का संपर्ग मार्ग कटने नहीं दिया जाएगा। अभी पुल पर कोई खतरा नहीं है।