अधिवक्ताओं ने लगाया तहसील में तैनात लिपिक और प्राइवेट मुंशियों पर धनउगाही का आरोप

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
प्रवीण शाही   

तमकुहीराज। एसडीएम तमकुहीराज और तहसीलदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर बार संघ तमकुहीराज के अधिवक्ताओं ने उन्हें हटाने की मांग की है। बुधवार को तहसील परिसर में अधिवक्ताओं ने नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री को मेल कर 12 सूत्री मांग पर कार्रवाई की मांग की।
बार संघ तमकुहीराज के अधिवक्ताओं का आरोप है कि तमकुहीराज तहसील में कई लिपिक और मुंशी अनाधिकृत तौर पर काम कर रहे हैं। वे तहसील आए काश्तकरों और अधिवक्ताओं से पत्रावलियों व अन्य कार्यों के लिए धनउगाही करते हैं। पैसा नहीं देने पर लोगों से दुर्व्यवहार करते हैं।

बुधवार को भी एक अधिवक्ता सत्यप्रकाश श्रीवास्तव के साथ एक प्राइवेट मुंशी ने दुर्व्यवहार किया। अधिवक्ताओं का आरोप था कि एसडीएम कोर्ट से किसानों की भूमि की पैमाइश के लिए 60 दिनों में आदेश होना निर्धारित है, लेकिन वास्तव में पैमाइश के लिए लोगों को कई माह तहसील का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसीलदार नामांतरण वादों में भी गलत आदेश किया जा रहा है। कई मामलों में खतौनी से मूल विक्रेता का नाम भी गायब हो जा रहा है। बार संघ का कहना है कि तमकुहीराज तहसील जिले की सबसे बड़ी तहसील है। यहां आने वाले लोगों को त्वरित न्याय के लिए तहसील में एसडीएम और तहसीलदार न्यायिक के पद के सृजन की भी मांग की।

इस दौरान बार संघ में अध्यक्ष हरिहर कुशवाहा, पूर्व अध्यक्ष अशोक राय, एचएन सिंह, अरविंद मिश्रा, अरविंद पाठक, शम्भू ठकुराई, राजेश राय, सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, मतिउल्लाह, रजनीश राय, दीपक राय, प्रदीप श्रीवास्तव, अमरनाथ सिंह, राजनारायण पांडेय, दीपक पांडेय, मनोज सिंह आदि मौजूद रहे।
इस संबंध में तमकुहीराज एसडीएम विकास चंद ने बताया कि उन पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। सरकार की मंशा के अनुरूप फरियादियों को त्वरित न्याय और नियमित कोर्ट चलाने की मंशा है।

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