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शेर मोहम्मद
देवरिया। शहर के बड़े नाले पर बिना चढ़ावा के स्लैब नहीं रखा जा रहा है। इस कारण हादसे भी हो रहे हैं। कुर्ना तक बने बड़े नाले पर स्लैब रखने के लिए दस-दस हजार रुपये मांगा जा रहा है। इसकी शिकायत लोगों ने की है। शहर में स्लैब रखने में लापरवाही के कारण एक बच्ची की जान भी जा चुकी है। इसके बाद भी अफसर सजग नहीं हो रहे हैं। बड़ा नाला खुला होने के कारण दुकानदारों की दुकानदारी भी चौपट हो रही है।
करीब 44 करोड़ की लागत से आरसीसी स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना के तहत करीब 8.8 किलोमीटर बड़े नाले का निर्माण मार्च 2023 से किया जा रहा है। अभी तक मुख्य मार्ग देवरिया-खोराराम पर कतरारी मोड़ के पास नाला बनाया गया है। इसमें रामनाथ देवरिया की तरफ से आने वाले छोटे नाले को भी जोड़ दिया गया है। पर हालत यह है कि स्लैब रखने में लापरवाही बरती गई। जुगाड़ और चढ़ावा के दाम पर स्लैब रखने का काम किया जा रहा है। जबकि प्रोजेक्ट में स्लैब भी रखा जाना है। जल निगम अपनी देखरेख में काम करा रहा है। सबसे गंभीर बात तो यह है कि बरसात के दिनों में लोगों के लिए यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। आस-पास के लोगों की बातों पर गौर किया जाए तो आए दिन बाइक सवार, पुशओं के गिरने की घटना होती रहती है। इसकी शिकायत भी लोगों ने की है। इसके बाद भी समस्या का निदान सिर्फ चढ़ावा ही है। पांच से दस हजार रुपये तक लेकर स्लैब रखने का काम किया जा रहा है।
हो चुके है हादसे
नवंबर 2021 में शहर के विकास भवन गेट पर भटनी थाना क्षेत्र के अमवा गांव निवासी संतोष कुमार तिवारी की बेटी शानू चार वर्ष दो स्लैब के बीच गैप होने नाले में गिर गई, जिससे उसकी मौत हो गई थी। अभी बीस दिन पहले बड़े नाला में एक गाय गिर गई थी। इसी तरह ओवरब्रिज के पास बाइक सवार दो युवक करीब आठ माह पहले गिरकर घायल हो गए थे।
कोट
स्लैब रखने के लिए दस हजार रुपये की मांग की जा रही है, जो रुपये दे रहे हैं या प्रभावशाली है, उनके मकान और दुकान के सामने स्लैब रखा जा रहा है। स्लैब न होने के कारण आए दिन साइकिल, बाइक सवार और पशु गिरकर फंस जा रहे हैं। कई बार गुहार लगाने के बाद भी समस्या का निदान नहीं हो रहा है।
शेषनाथ तिवारी, व्यापारी
जनऔषधि केंद्र खोलना है। इसकी सब तैयारी कर ली है, लेकिन स्लैब न होने के कारण उद्घाटन नहीं करा रहा हूं कि ग्राहक दुकान पर कैसे आएं-जाएं। कई बार कह चुका हूं। इसकी शिकायत भी सीएम पोर्टल पर किया हूं। रुपये मांगा जा रहा है, न देने पर रखा नहीं जा रहा है।
भूपेंद्र कुशवाहा
कई बार कहने के बाद एक स्लैब रखा गया है। दुकान पर ग्राहक नहीं आ पा रहे हैं। बगल में खुला नाला है, जिसमें पशु गिर जा रहे हैं। इससे बरसात के दिन में और खतरा है।
अशोक कुशवाहा
आज ही एक व्यक्ति स्लैब से होकर जाते समय गिर गया। नाला निर्माण के समय स्लैब रखा जाना था, लेकिन अभी तक नहीं रखा गया। इससे हादसा होने का भय बना रह रहा है।
संजीत मणि
नाला निर्माण में कई तरह की अनियमितताएं की गई हैं। इसकी जांच में पुष्टि भी हो चुकी है। जिसका जुगाड़ है उसके सामने स्लैब रख दिया जा रहा है। अन्य लोग चक्कर काटते रह जा रहे हैं और स्लैब नहीं रखा जा रहा है। इसकी शिकायत भी हमने की थी।
निर्मल त्रिपाठी, आरटीआई कार्यकर्ता
नाला एक नजर में
8.8 किलोमीटर निर्माण होना है।
कतरारी चौराहे तक नाला बन चुका है।
44 करोड़ रुपये की लागत है।
स्लैब के नाम पर कोई रकम नहीं ली जा रही है। अगर कोई ऐसा करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्लैब धीरे-धीरे सभी जगहों पर रखा जाएगा। हमारे लिए सभी दुकानदार और गृहस्वामी बराबर हैं। -रामनाथ, प्रोजेक्ट मैनेजर कार्यदायी संस्था नंद एंड संस