लोकसभा चुनाव भले ही वर्ष 2024 में है, लेकिन भाजपा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी के रणनीतिकार लगातार चुनावी रणनीति बना रहे हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोई अवसर चूक नहीं रहे हैं।

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

गोरखपुर में शुक्रवार को दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गीता प्रेस के शताब्दी समारोह में शिरकत कर व वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर हिंदुत्व और विकास के एजेंडे को धार दे गए। वहीं केंद्रीय राज्यमंत्री पंकज चौधरी के घर जाकर कुर्मी वोटरों को साधने की कोशिश की है। कहा जा रहा है कि पंकज चौधरी की मां बीमार हैं, इसलिए पीएम देखने गए थे, लेकिन सियासत के जानकार बताते हैं कि पंकज की मां को देखने जाना तो बहाना है, असल में कुर्मी वोटरों पर पीएम की नजर है।

लोकसभा चुनाव भले ही वर्ष 2024 में है, लेकिन भाजपा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी के रणनीतिकार लगातार चुनावी रणनीति बना रहे हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोई अवसर चूक नहीं रहे हैं। शुक्रवार को मोदी जब गोरखपुर आए तो उनका कार्यक्रम गीता प्रेस में था। गीत प्रेस ऐसी संस्था है, जो धार्मिक पुस्तकों को सस्ते दर पर छापती है। हिंदुस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया में उसकी पुस्तकें जाती हैं।

गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार भी मिल चुका है। हालांकि, गीता प्रेस को शांति पुरस्कार देने का कांग्रेस नेताओं ने विरोध किया था। बावजूद इसके प्रधानमंत्री गीता प्रेस के शताब्दी समारोह में आए। गीता प्रेस में मोदी के आने तथा गोरखपुर रेलवे जंक्शन से वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करना उनके कार्यक्रम में शामिल था।

पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि मोदी गोरखपुर आएंगे तो गोरखनाथ मंदिर भी जाएंगे। बतौर प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी भी गोरखनाथ मंदिर आए थे। मोदी भी वर्ष 2016 में मंदिर आए थे, लेकिन इस बार उनका कार्यक्रम न लगना लोगों को खटक रहा है। वहीं बिना किसी तैयारी के पीएम केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी के घर पहुंच गए।

कहा जा रहा है कि गीता प्रेस के बगल में ही महराजगंज के सांसद एवं केंद्रीय वित्त राजमंत्री पंकज चौधरी का घर है। कहा जा रहा है कि किसी ने मोदी को बताया कि पंकज की मां बीमार हैं तो वह उनसे मिलने उनके घर जाने के लिए तैयार हो गए। मोदी ने पंकज की मां से मिलकर उनका हाल जाना, साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की।

सियासत के जानकारों का कहना है कि पंकज के घर जाकर मोदी ने सियासी समीकरण साधने की कोशिश की है। इस समय उत्तर प्रदेश और बिहार में पिछड़ों की सियासत तेज हो गई है। मोदी ने पंकज के घर जाकर उनका कद बढ़ाया है। साथ ही कुर्मी वोटरों को भाजपा के पक्ष में करने की कोशिश की है। पंकज चौधरी की अपनी बिरादरी में अच्छी पकड़ है। गोरखपुर के बहाने पीएम ने बिहार तक यह संदेश देने की कोशिश की है कि कुर्मियों के प्रति उनका विशेष लगाव है।

हाल ही में यह चर्चा हो रही थी कि नीतिश कुमार कुर्मी वोटरों को साधने के लिए यूपी से चुनाव लड़ेंगे। दूसरी तरफ भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को केंद्रीय नेतृत्व ने कुर्मी वोटरों को साधने के लिए बिहार दौरे पर भेज दिया था। पंकज चौधरी के घर मोदी के जाने का यही निहतार्थ निकाला जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *