सफल समाचार
सुनीता देवी
खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना से प्रभावित लोग अब जीडीए अधिकारियों के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। सीएम सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को पत्र देकर मकान बचाने की गुहार लगा चुके लोगों का मानना है कि जीडीए प्रशासन उनके हित में निर्णय लेगा। यदि ऐसा नहीं हुआ आगे आंदोलन किया जाएगा।
खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना के लिए खोराबार, जंगल सिकरी और सैनिक नगर कॉलोनी क्षेत्र में जीडीए ने जमीन का अधिग्रहण किया है। योजना के लिए अधिग्रहित क्षेत्र में पहले से हुए निर्माण को अतिक्रमण मानकर बुलडोजर चलाया जा रहा है। पूर्व में जीडीए की टीम चहारदीवारी, भूसा रखने वाले कमरे सहित अन्य अतिक्रमण ढहा चुकी है। पीएम मोदी के दौरे की वजह से बीते दिनों जीडीए ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे लोगों को राहत मिली रही। लेकिन सोमवार जीडीए का अभियान फिर शुरू हो सकता है।
अधिग्रहित क्षेत्र में मकान बनवाकर रहने वाले लोगों ने शुक्रवार की शाम बैठक की। लोगों ने कहा कि जीडीए अधिकारी इस समस्या का हल निकालने का प्रयास करें, तो विकल्प मिल जाएगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो खोराबार मकान जमीन बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन किया जाएगा। शनिवार को भी लोगों ने एकजुटता दिखाई। इस दौरान मणिकांत शाही, जय प्रकाश मिश्रा, विकास पांडेय, पूनम सिंह, चित्रकला दुबे, विजय नारायण सिंह, विजेंश्वर प्रसाद मिश्र, रामदरश प्रसाद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
जगदीशपुर-जंगल कौड़िया रिंग रोड मामला : सीएम से दोबारा मिलने का प्रयास करेंगे किसान
जगदीशपुर-जंगल कौड़िया रिंग रोड के लिए 26 गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है। लेकिन किसान मुआवजा लेने को तैयार नहीं हैं। एनएचएआई, एसएलओ और राजस्व कर्मचारियों के समझाने पर भी किसान तैयार नहीं हो रहे हैं। हल्का लेखपाल अपने अपने क्षेत्र में जाकर किसानों को सहमति पत्र भरने के लिए राजी करने की कोशिश में जुटे हैं। पीएम के आगमन के पूर्व किसानों ने गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर सीएम योगी से मिलने का प्रयास किया था। लेकिन व्यस्तता के कारण वह नहीं मिल सके। तब अधिकारियों ने किसानों का पत्र लेकर उचित निर्णय का आश्वासन दिया था। सरैया, गुलरिहा, कोनी सहित अन्य गांवों के किसानों का कहना है कि वह लोग एक बार फिर से सीएम से मिलने का प्रयास करेंगे। संवाद