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शेर मोहम्मद
देवरिया-रुद्रपुर। उत्तराखंड में किच्छा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला शनिवार को अपने पैतृक गांव में कटान की सूचना पर भेड़ी पहुंचे। तिघरा-मराछी गांव में राप्ती नदी कटान की स्थिति देखकर उन्होंने डीएम से हालात का जायजा लेने का अनुरोध किया। इसके बाद डीएम अखंड प्रताप सिंह और एसपी संकल्प शर्मा सिंचाई विभाग के अभियंताओं की टीम के सा कटान स्थल का निरीक्षण किया। यहां राप्ती नदी बंधे को तेजी से काट कर रही है। इससे गांव के अस्तित्व पर संकट आ गया है।
कटान से दो बार नदी में विलीन हो चुके भेड़ी गांव के अस्तित्व पर तीसरी बार खतरा मंडरा रहा है। पूर्व विधायक की मौजूदगी में गांव के लोगों ने डीएम और एसपी से बंधे को जियो बैग टैंगिग के नए पायलट प्रोजेक्ट से सुरक्षित कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि कटान स्थल पर पूर्व में कराया गया बोल्डर पिचिंग और सैंक दरकने लगा है। गांव से सटे बंधे से रिसाव होने पर पूरा गांव कटने की आशंका है।
ऐसे में गांव को बचाने के लिए सिर्फ पायलट प्रोजेक्ट ही कारगर हो सकता है। डीएम ने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नरेंद्र जाड़िया को बांध बचाने के लिए आगणन तैयार कर शासन में भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल इस बरसात के चार महीनों में भेड़ी कटान के अतिसंवेदनशील बांध को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने हर हाल में गांव और बांध को बचाने का सिंचाई विभाग को निर्देश दिया। डीएम ने बंधों पर हर पल निगरानी रखने और बाढ़ चौकियों को पूरी तरह से सक्रिय करने को कहा।
पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि पैतृक गांव से तमाम स्मृतियां जुड़ी हैं। यह गांव चार दशक से बाढ़ का दंश झेल रहा है। यहां के लोग बाढ़ से दो बार उजड़ चुके हैं। प्रशासन को गांव वालों को तीसरी बार उजड़ने से बचाने के लिए कारगर प्रयास करना चाहिए।