पीड़ित ने थाने में दी तहरीर, सूद की रकम नहीं देने पर घर में घुस कर उठा ले गए थे राशन

उत्तर प्रदेश देवरिया

सफल समाचार 
शेर मोहम्मद 

अस्पताल में भर्ती है कर्जदार इंद्रजीत
घर पर अकेले रहते हैं बुजुर्ग पिता

रुद्रपुर/ एकौना। गरीब परिवार के घर से सूद की रकम नहीं देने पर जबरन राशन उठा ले जाने के मामले में पुलिस ने रविवार को जांच शुरू की। चिटफंड कंपनी से कर्ज लेने वाले कर्जदार का चेन्नई के अस्पताल में इलाज चल रहा है, घर पर उसका बुजुर्ग पिता अकेले रहता है। नौ जुलाई के अंक में अमर उजाला में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस हरकत में आ गई। कर्ज देने वाली चिट फंड कंपनी के खिलाफ तहरीर मिलने पर पीड़ित का बयान दर्ज करने उसके घर पहुंची। कर्जदार इंद्रजीत के पिता दुर्गा पासवान ने चिट फंड कंपनी अन्नपूर्णा फाइनेंस बैंक के कर्मचारियों के खिलाफ एकौना पुलिस को तहरीर दी।
बैदा कोड़र गांव के दुर्गा पासवान का बेटा इंद्रजीत चेन्नई की एक कंपनी में मजदूरी करता था। करीब एक साल पहले बीमार होने पर वह घर आया। इलाज में अधिक रुपये लगने पर वह कुछ लोगों का कर्जदार हो गया। एक व्यक्ति से सलाह मिलने पर उसने चिट फंड कंपनी से कर्ज लेकर इलाज कराना शुरु किया। चिट फंड कंपनी का समय से किस्त जमा नहीं होने पर शुक्रवार को कंपनी के कर्मचारी इंद्रजीत के घर पहुंचे। घर पर इंद्रजीत के नहीं होने पर कर्मचारी उसके घर में घुस गए। बकौल दुर्गा पासवान कर्मचारियों ने उनके साथ बदसलूकी की। घर में किसी के नहीं होने पर कर्मचारी तीन बोरी गेहूं, चावल बाइक से उठा ले गए। घटना का मोहल्ले के लोगों ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने एकौना पुलिस को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। एसआई विक्रम प्रताप सिंह ने बैदा कोड़र गांव पहुंच कर पीड़ित से पूछताछ कर तहरीर ली। थानाध्यक्ष संदीप सिंह ने कहा कि पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है, तहरीर के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सूद पर कर्ज देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शहर में सूदखोरी और गांवों में सक्रिय चिट फंड कंपनी
रुद्रपुर। गरीबों को कर्ज देकर लूटने का धंधा जोरों पर चल रहा है। नगर में सूदखोरी और ग्रामीण इलाकों में चिट फंड कंपनी काफी सक्रियता से काम कर रही है। सूदखोरी और कंपनी के कर्मचारी हर दिन कर्जदारों से जमकर वसूली कर रहे है। कर्ज से डूबे लोग शिकायतों में कार्रवाई नहीं होने पर चुप हो जा रहे है। जिले पर दो साल के भीतर करीब एक दर्जन चिट फंड कंपनी लोगों का रुपया लेकर फरार हो चुकी है। वहीं थाने से तहसील तक कई लोग सूदखोरी में अपना सब कुछ लुटा दिए।
नगर में रकम देकर व्याज वसूलने का धंधा जोरों पर चल रहा है। बडे़ पूंजीपति ठेले वालों से लेकर दुकानदारों को पांच से आठ प्रतिशत प्रति माह की दर से रुपये बांट रखे हैं। वह बकायदे शाम को लेकर कर्जदारों से ब्याज की रकम की वसूली करते हैं और मूलधन कर्जदार के पास पड़ा रहता है। वहीं चिट फंड कंपनी वाले महिलाओं का समूह बना कर रुपये बांट रखे है। नगर में वर्तमान में दस महिलाओं का समूह सक्रिय है। एक पखवारे पर समूह वाले किसी सदस्य के घर बैठ कर कर्ज बांटना और सूद वसूलने का काम करते है। फलमंडी, मछली मंडी और मुख्य बाजार में सूदखोरी का धंधा करने वालों का जमावड़ा लगा है

कम ब्याज पर सरकार देती है लोन
जागरुकता के अभाव में लोग सूदखोर और चिट फंड कंपनी से कर्ज लेकर शिकार हो रहे हैं, हालांकि नगर से लेकर गांव तक शासन की ओर से लागू कई योजनाओं से लोन मिल रहा है। ईओ कमलेश कुमार शाही ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से लोन लेकर लोग कारोबार कर रहे है। जिस पर कम व्याज भी लगता है। वहीं एडीओ पंचायत ने बताया कि खंड विकास कार्यालय की तरफ से गांवों में महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है। मनरेगा के तहत रोजगार से महिलाओं को जोड़ कर आय का स्रोत भी बढ़ रहा है। क्षेत्र के मनिहरपुर गांव में महिलाओं के समूह द्वारा तैयार किया हुआ पोषण आहार आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित हो रहा। ऐसे छोटे उद्योगों को शुरू करने के लिए शासन की ओर से कम ब्याज पर कई योजनाएं संचालित हो रही है।

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