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आकाश राय
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने कहा कि प्रयागराज शहर संगमनगरी है। इसका बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। यहां पर कुंभ और महाकुंभ लगते हैं, जिसमें देश विदेश के करोड़ों श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए आते हैं। इसके महत्व को देखते हुए प्रयागराज शहर के मुहल्लों के नाम धार्मिक आधार पर करने की आवश्यकता है। मुहल्ले के नाम जगद्गुरुओं और द्वादश माधव के नाम पर होने चाहिए, ताकि आम बोलचाल की भाषा में इनका प्रयोग किया जा सके और आने वाली पीढ़ियों को इनसे प्रेरणा मिल सके।
महंत हरि गिरि ने कहा कि दारागंज का नाम गंगानगर या श्रीगंगानगर होना चाहिए। भारद्वाज आश्रम की सड़क सीधे अल्लापुर आती है। इसलिए अल्लापुर का नाम भारद्वाज नगर किया जाना चाहिए। इसी तरह दरियाबाद का नाम यमुनानगर पर होना चाहिए। इसी तरह चौक आदि का नाम भी बदलकर द्वादश माधव के नाम पर किया जाना चाहिए। इसके अलावा शहर के प्रमुख चौराहों के नाम भी ऋषि महर्षियों और द्वादश माधव के नाम पर किय जाना चाहिए। गदा माधव, शंख माधव, बेनी माधव, चक्र माधव आदि नाम पर किया जाए तो लोगों के आम बोलचाल में यह नाम प्रचलित हो जाएंगे।
कहा कि महाकुंभ 2025 में करोड़ों श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने की संभावना है। ऐसे में संगम से तीन किलोमीटर की परिधि में खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए, ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। अगर मांस और मछली की बिक्री जरूरी है तो एक बाउंड्री बनाकर उसे मछली मंडी या मांस मंडी नाम रखकर वहां बिक्री कराई जाए। इस तरह के प्रयास से शहर का माहौल धार्मिक होगा।