रविवार को इटहिया के स्वामी दयानंद इंटर कॉलेज में किसानों ने पंचायत हुई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। एक ओर किसान पंचायत कर रहे थे तो दूसरी ओर एनएचएआई, एसएलओ और राजस्व कर्मचारी अधिग्रहित जमीन का सर्वे करने पहुंच गए। इसकी जानकारी होने पर किसान जुट गए और विरोध जताया।

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

जंगल कौड़िया-जगदीशपुर रिंग रोड से प्रभावित किसानों ने मुआवजा तय करने के मानक की कॉपी देने की गुहार लगाई है। सोमवार को जहां कुछ किसानों ने एसएलओ के कार्यालय पहुंचकर प्रार्थना पत्र जमा कराया। दस्तावेज मिलने पर किसान आर्बिट्रेशन (न्यायिक मध्यस्थता) के लिए वाद दाखिल करेंगे। वहीं, बालापार के नौ किसानों ने आर्बिट्रेशन दाखिल किया।

रिंगरोड निर्माण के लिए कोनी से जंगल कौड़िया तक कुल 26 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। किसान एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ओर से निर्माण कार्य शुरू कराने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा अधिग्रहित जमीन पर बने मकानों के एवज में कोई लाभ नहीं मिल रहा है। मुआवजे की रकम पाने के लिए किसी किसान ने सहमति पत्र नहीं जमा कराया है।

रविवार को इटहिया के स्वामी दयानंद इंटर कॉलेज में किसानों ने पंचायत हुई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। एक ओर किसान पंचायत कर रहे थे तो दूसरी ओर एनएचएआई, एसएलओ और राजस्व कर्मचारी अधिग्रहित जमीन का सर्वे करने पहुंच गए। इसकी जानकारी होने पर किसान जुट गए और विरोध जताया।

तहसीलदार सदर विकास कुमार सिंह ने सभी किसानों को आर्बिट्रेशन (न्यायिक मध्यस्थता) में जाने की सलाह दी। इसके बाद किसानों ने मुआवजा तय करने के संबंध में शासन देश और मुआवजा तय करने के संबंध में अवार्ड का मूल पपत्र मांगा। कॉपी मिलने पर सभी किसान आर्बिट्रेशन दाखिल कर सकेंगे।

सोमवार को इटहिया, बेलवारायपुर, सोनराईच, सरैया, रसूलपुर, मौलाखोर, बालापार और बनकटी खुर्द के 50 से अधिक किसानों ने एसएलओ (विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी) कार्यालय पहुंचकर प्रार्थना पत्र जमा कराया। अन्य लोग मंगलवार को एसएलओ कार्यालय जाएंगे। आवेदन के तीन दिन के बाद किसानों को मुआवजा तय करने से संबंधित दस्तावेजों की मूल कापी मिल जाएगी। इसके बाद किसान आर्बिट्रेशन दाखिल कर पाएंगे। उधर पहले से अवार्ड पा चुके बालापार के रामानुज, अनिरुद्ध प्रसाद, शारदा प्रसाद, प्रणय पांडेय, वेद व्यास और अरविंद सिंह ने आर्बिट्रेशन दाखिल कराया।

अवार्ड की प्रति में शासनादेश का जिक्र होता है कि सरकार किस दर पर किसानों को मुआवजा दे रही है, उसका आधार क्या है। सरैया के प्रधान सुमित सहानी, गुलाब जैसवाल, त्र्यंबक उपाध्याय, अरविंद सिंह, रामबचन सिंह,अवधेश, चन्द्रशेखर, पन्नेलाल सहित अन्य लोगों ने बताया कि सभी किसान आर्बिट्रेशन में जाने की तैयारी कर रहे हैं। इस दौरान अधिग्रहित भूमि पर एनएचएआई की ओर से कोई काम नहीं कराने की गुहार तहसीलदार से लगाई गई है।

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