सफल समाचार
मनमोहन राय
मंडलायुक्त ने एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं। जल निगम ने पहले मुकदमा कराने का दावा किया था। मामले में ठेकेदार संग कार्यदायी संस्था पर भी मुकदमा कराने और ब्लैकलिस्ट करने के भी निर्देश दिए गए।
राजधानी लखनऊ में नई सड़कें धंसने का मुख्य कारण सीवर डालने में हुई लापरवाही सामने आ रहा है, लेकिन जिम्मेदार ठेकेदार पर ठोस कार्रवाई अभी तक सिर्फ निर्देशों में हुई है। मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने जल निगम के ठेकेदार केके स्पन के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं।
उक्त ठेकेदार के खिलाफ इससे पहले बीती चार जुलाई को भी क्रिश्चियन कॉलेज के सामने सड़क धंसने पर जल निगम की ओर से एफआईआर कराने का दावा किया गया था। लेकिन अब वजीरगंज पुलिस इंस्पेक्टर मनोज कुमार मिश्र का कहना है कि उक्त मामले में जल निगम की ओर से कोई एफआईआर कराई ही नहीं गई।
उधर, मंडलायुक्त ने शहर में सड़क धंसने पर संबंधित कार्यदायी संस्था, ठेकेदार के विरुद्ध एफआईआर पंजीकृत कराते हुए उसे ब्लैक लिस्ट कराने के लिए भी अधिकारियों को कहा है। वह स्मार्ट रोड परियोजनाओं के अंतर्गत विभिन्न कार्यों की समीक्षा कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने लेसा द्वारा कराए जा रहे कार्य में ढिलाई और मॉनिटरिंग में लापरवाही पर संबंधित को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि रेन-वाटर हार्वेस्टिंग की क्वालिटी पुनः चेक करा लिया जाए और शेष निर्माणाधीन रेन-वाटर हार्वेस्टिंग को गुणवत्तापूर्ण कराते हुए तेजी से कार्य पूर्ण करा लिया जाए। उक्त के अलावा उन्होंने कहा है कि निर्माणाधीन कार्यों में बेवजह देरी न हो। देरी पर संबंधित अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। लेसा द्वारा स्मार्ट रोड पर स्मार्ट मीटर लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
लोक निर्माण विभाग, इलेक्ट्रिकल व लेसा विभाग की संयुक्त टीम बनाकर एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए जो सभी कार्यों की निगरानी करे। उन्होंने कहा कि शहर की सुंदरता बनाए रखने के लिए लटकते हुए केबिल और तारों के जाल न दिखें।