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सुनीता राय
गोरखपुर। वर्ष 2001 में मऊ में पट्टीदार उमाशंकर पांडेय की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी और 50 हजार रुपये के इनामी वेद प्रकाश पांडेय को एसटीएफ ने शुक्रवार की रात में झारखंड से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी 17 साल से फरार था। उसे मऊ कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। वेद प्रकाश झारखंड के पुराना बस स्टैंड, हजारीबाग के पास पहचान छिपाकर रहता था। वहां पर टावर मैकेनिक का काम करता था। आरोपी को एसटीएफ ने मऊ पुलिस को सुपुर्द कर दिया।
आरोपी वेद प्रकाश पांडेय मऊ जनपद के दोहरीघाट इलाके के परमोती गांव का मूल निवासी है। एसटीएफ गोरखपुर यूनिट के प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि इनाम घोषित होने के बाद एसटीएफ को गिरफ्तारी के लिए लगाया गया। पुलिस को गोपनीय सूचना मिली कि आरोपी इस समय झारखंड में छिपा है। सूचना पर यकीन करते हुए एसटीएम टीम हजारीबाग, झारखंड पहुंची।
पुलिस ने आरोपी को वहीं के होटल आम्रपाल के कमरा नंबर 207 से दबोच लिया। आरोपी के पास से मोबाइल फोन, एक परिचय पत्र व 2200 रुपये नकद बरामद हुए। परिचय पत्र से उसके वेद प्रकाश पांडेय होने की पुष्टि हो गई। आरोपी वेद प्रकाश ने पूछताछ में बताया कि 2001 में पट्टीदार उमाशंकर पांडेय की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद 09 अक्तूबर 2006 को न्यायालय मऊ से आजीवन कारावास की सजा होने के इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत हो गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से जमानत खारिज हो गई। इसके बाद से फरार हो गया।
फरारी के समय कई शहरों में रहा वेद प्रकाश
वेद प्रकाश ने एसटीएफ को बताया कि फरारी के समय वह दिल्ली, गोवा, मुंबई, कोलकाता, पूना, धनबाद, हजारीबाग आदि जगहों पर रहा। वह थोड़े ही समय पर अपना शहर बदल देता था, ताकि पकड़ा न जाए। टावर मैकेनिक का काम जानने की वजह से जिस भी शहर में जाता था, उसे काम मिल जाता था और फिर कुछ दिन वहां पर काम करने के बाद निकल लेता था।