जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से वादकारियों को निशुल्क विधिक परामर्श के लिए अधिवक्ता मुहैया कराए जाते हैं

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

दीवानी कचहरी में आंध्रा बैंक के पास ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एडीआर सेंटर है। इसमें भूतल पर प्राधिकरण के सचिव का दफ्तर और स्थायी लोक अदालत की कोर्ट है। पहली मंजिल पर मध्यस्थता केंद्र है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से वादकारियों को निशुल्क विधिक परामर्श के लिए अधिवक्ता मुहैया कराए जाते हैं। लेकिन कुछ लोग जानकारी के अभाव तो कुछ लोग भरोसे की कमी के कारण निशुल्क मदद लेने से बचते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने बताया कि आवेदन करने पर वंचित और कमजोर वर्गों को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाती है। इसके लिए प्रचार-प्रसार भी कराया जाता है।

दीवानी कचहरी में आंध्रा बैंक के पास ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एडीआर सेंटर है। इसमें भूतल पर प्राधिकरण के सचिव का दफ्तर और स्थायी लोक अदालत की कोर्ट है। पहली मंजिल पर मध्यस्थता केंद्र है। इसके अलावा अन्य कार्यालय बने हुए हैं। मध्यस्थता केंद्र में सुलह समझौते की बातचीत के लिए पांच अलग- अलग केबिन बनाए गए हैं।

बुधवार की दोपहर 12.27 बजे अपने ऑफिस में बैठे अपर जनपद न्यायाधीश/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रामकृपाल विभागीय काम निपटाते हुए लिपिक अनुराग श्रीवास्तव से फाइलों के संबंध में चर्चा रहे थे। उन्हाेंने बताया कि लोक अदालत के संबंध में एक बैठक होनी है। इसकी तैयारी की जा रही है। उनके दफ्तर के बाहर पहली मंजिल पर जाने पर मध्यस्थता केंद्र में घरेलू, दहेज उत्पीड़न सहित अन्य से प्रभावित महिलाएं और उनके साथ आए लोग बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।

 मध्यस्थता के लिए बने पांच केबिन में दो के भीतर मौजूद अधिवक्ता और पक्षकार आपस में बातचीत करते मिले। बाहर गैलरी में चहलकदमी करतीं महिला कांस्टेबल गुंजन यादव पीड़ित महिलाओं से उनके केस के संबंध में जानकारी ले रही थीं। यहां कुछ छह पक्षों को मध्यस्थता के लिए बुलाया गया था।

पीपीगंज से पहुंचीं फातिमा का मामला वर्ष 2014 से चल रहा है। उनका मामला मध्यस्थता में है। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। फिर भी उन्हाेंने अधिवक्ता की मदद ली है। फातिम से पूछा गया कि क्या आप को जानकारी है कि यहां पर निशुल्क विधिक राय मिलती है, यानि कि अधिवक्ता सरकार की ओर उपलब्ध कराएं जाते हैं। तो उन्होंने कहा कि किसी ने कभी बताया ही नहीं। फातिमा जब भी कोर्ट आती हैं तो किराया और अधिवक्ता की फीस सहित करीब सात सौ रुपये खर्च हो जाते हैं।

महराजगंज के पनियरा, बेलटीकरा की रहने वाली बैजयंता अपनी बहू पार्वती के साथ भरण-पोषण की लड़ाई लड़ रही हैं। उनसे जब पूछा गया कि आपने सरकारी वकील की मदद क्यों नहीं ली तो वह कुछ देर तक सोचती रहीं। इसके बाद बोली कि उनको प्राइवेट पर ज्यादा भरोसा था। इसलिए फीस देकर मुकदमा लड़ रही हैं।

 

150 से अधिक लोगों को मिली निशुल्क सहायता

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से अल्प, कमजोर आय वर्ग के लोगाें को निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। हाल के दिनों में 150 से अधिक लोगों को मदद दी गई है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के ये हैं कार्य

  • सिविल और क्रिमिनल दोनों ही मामलों में जरूरतमंद, कम आय वर्ग, महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति, और बच्चों को निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
  • सभी प्रकार के लंबित प्रकरणों के लिए प्रत्येक माह नियमित लोक अदालतों और विशेष लोक अदालतों का आयोजन।
  • प्रत्येक जिले में स्थायी लोक अदालतों की स्थापना करके सुलह के जरिए मुकदमे के पूर्व विवाद का समाधान किया जाता है। इसके लिए आमजन को जागरूक किया जाता है।
  • महिलाओं और बच्चों के लिए कॉलेजों, जेलों और कानूनी जागरूकता कार्यक्रमों में कानूनी साक्षरता कक्षाएं आयोजित करके सभी को जागरूक करना।
लोगों ने क्या कहा
फातिमा ने कहा कि हमने अपने मामले के निस्तारण के लिए जिनकी मदद ली है, उनको फीस देते हैं। यहां पर महिलाओं को निशुल्क वकील उपलब्ध कराए जाते हैं, इसकी जानकारी नहीं थी।

बैजयंता ने कहा कि मेरी बहू से विवाद चल रहा है। मामला मध्यस्थता में आया है। हमें अपने वकील के अलावा किसी पर भरोसा नहीं था। इसलिए इसके बारे में कोई जानकारी नहीं ली।

सर्वेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि वाद पूर्व मामलों का निस्तारण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में किया जाता है। बहुत से लोग अपनी बात नहीं रख पाते हैं। इसलिए उनको अधिवक्ता की आवश्यकता पड़ती है। यहां पर आवेदन करने पर निशुल्क विधिक राय की व्यवस्था है।

रामसरन ने कहा कि पीड़ित पक्षकार जब आवेदन देता है तो उसको निशुल्क सुविधा मिलती है। किसे यह सुविधा मिलेगी, इसके लिए मानक तय हैं। उसके आधार पर ही सहायता दी जाती है।

शक्तिप्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि वाद पूर्व मामलों के निस्तारण की व्यवस्था है। अधिकांश मामलों में परिवारिक विवादों के आते हैं। लोगों को जब जागरूक भी किया जा रहा है। इसको लेकर समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है।

अनूप कुमार मिश्र ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से लोगों को राहत मिल रही है। तमाम मामलों का निस्तारण वाद पूर्व हो जा रहा है। हम लोग भी लोगों को इसके बारे में जानकारी देते हैं।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव रामकृपाल ने कहा कि लोगों को इस व्यवस्था का लाभ मिल सके। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाएं जाते हैं। आवेदन करने पर जरूरतमंदों को निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। हाल के दिनों में 150 से अधिक लोगों को इसका लाभ मिला है।

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