बारिश के बीच जिले में नदियाें का पानी बढ़ने लगा है, लेकिन बंधों की हालत खस्ता है। अफसरों के लाख दावों के बीच हकीकत यही है कि मरम्मत कार्य लापरवाही की वजह से बंधे जर्जर हैं

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

बेलघाट प्रतिनिधि के अनुसार घाघरा नदी के किनारे बने बंधे की मरम्मत में लापरवाही बरती गई है। इस बंधे पर बने बड़े-बड़े गड्ढों को मिट्टी डालकर पाट दिया गया। लेकिन ये मिट्टी अब बारिश में बहने लगी है। टीकापुर गांव के पास बारिश होने के बाद बंधे में दोबारा गड्ढे हो गए।

नेपाल में जोरदार बारिश के बीच जिले में नदियाें का पानी बढ़ने लगा है, लेकिन बंधों की हालत खस्ता है। अफसरों के लाख दावों के बीच हकीकत यही है कि मरम्मत कार्य लापरवाही की वजह से बंधे जर्जर हैं। बंधों की स्थिती की पड़ताल की गई तो वे रेनकट और रैटहोल से पटे नजर आए। लोगों का कहना है कि अगर बाढ़ आई तो ये बंधे पानी का दबाव झेल नहीं पाएंगे…।

कई बंधों पर सड़कें भी बनी हैं। उनकी भी मरम्मत नहीं कराने से उसपर बड़े- बड़े गड्ढे बन गए हैं। उसपर पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। बंधों की मरम्मत के नाम पर खानापूरी स्पष्ट नजर आई। कुछ जगहों पर मिट्टी भरी गई थी, जो बारिश होते ही बह गई है। अब इन बंधों के आसपास के गांवों के लोग दहशत में हैं कि कहीं बाढ़ की स्थिति बनी तो गांव डूब जाएंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में बंधे तो कमजोर हैं ही, जिम्मेदारों ने शहर से सटे बंधों की भी ठीक से सुधि नहीं ली है। शहर की सीमा पर बना गाहासाड़-कोलिया बंधे की हालत बेहद खराब मिली। यह वही बांध है, जो वर्ष 2017 में टूट गया था और पूरा इलाका डूब गया था। इस बंधे की मरम्मत ही नहीं कराई गई है।

जगतबेला प्रतिनिधि के अनुसार, बाढ़ आने पर मुहम्मदपुर माफी, जगतबेला, खरबुझहवा, जमुआड़, मझगांवा सहित करीब एक दर्जन गांव प्रभावित होते हैं। स्थानीय लाेगों का कहना है कि बंधे का काम कराया जाना जरूरी था, लेकिन लापरवाही बरती गई। इसी तरह से राप्ती नदी के किनारे बंजरहा बंधे पर मिट्टी डाल कर छोड़ी गई है। इस बंधे के समीप गांव दूबी, उसका, कुड़वा, मैनाभागर, बंजरहा, रोहुआ और कोठा सहित अन्य गांव बसे हुए हैं, जिनके डूबने का खतरा बना रहता है।

कौड़ीराम प्रतिनिधि के अनुसार, कौड़ीराम से टीकर, सोनाई, मलौली, हरैया, भरवलिया को जोड़ने वाले सोहगौरा-मलौली बंधे पर मरम्मत, सुदृढ़ीकरण का कार्य चल रहा है। लेकिन बंधे पर बोल्डर पिचिंग का काम शुरू नहीं हो सका है। बोल्डर पिचिंग वाले स्थान पर डाली गई मिट्टी तेज बारिश को झेल नहीं पा रही है। बीते दिनों हुई बारिश से बंधे पर जगह-जगह गहरे रेनकट बन गए हैं। बंधे पर बनी सड़क भी जर्जर हो गई है। इस पर होकर गुजरने वाले वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं। इसी बंधे पर सोहगौरा पुल के आगे मलौली तक रेनकट है। अधिकांश जगहों पर जियो बैग और उस पर डाली गई मिट्टी बारिश में बह गई है।

बेलघाट प्रतिनिधि के अनुसार घाघरा नदी के किनारे बने बंधे की मरम्मत में लापरवाही बरती गई है। इस बंधे पर बने बड़े-बड़े गड्ढों को मिट्टी डालकर पाट दिया गया। लेकिन ये मिट्टी अब बारिश में बहने लगी है। टीकापुर गांव के पास बारिश होने के बाद बंधे में दोबारा गड्ढे हो गए। 24 किमी लंबे इस बंधे से 30 से अधिक गांवों की बाढ़ में सुरक्षा होती है।

सियार की मांद से खोखले हो गए हैं बंधे

तुर्कवलिया गांव के पास राप्ती नदी के बढ़या कोठा बंधे पर डाली गई मिट्टी बारिश होते ही अमसार गांव के पास बह गई है। गांव के विनय सिंह और सहमत शेख ने बताया कि बंधे पर मरम्मत का काम तो हो रहा है, लेकिन पिच नहीं होने के चलते मिट्टी बह जाती है। दरारों को पाटने का आश्वासन अधिकारियों ने दिया है। उधर, ब्रह्मपुर क्षेत्र में बरही पाथ बंधे की हालत बेहद खराब है।

सात किमी लंबाई में बने इस बंधे पर रेन कट, रैट होल नजर आए। रही-सही कसर सियारों की मांद ने पूरी कर दी है। सियार की मांद की वजह से बंधे में बड़े- बड़े गड्ढे बन गए हैं। यह बंधा पहले भी कई बार टूट चुका है। यहां के लोगों का कहना है कि बाढ़ की स्थिति बनी तो यह बंधा पानी के दबाव को झेल नहीं पाएगा। वहीं, गोर्रा नदी पर बना करीब 10 किमी लंबा इटौवा बंधे पर रेनकट भरने काम जारी है।

सिंचाई विभाग अधीक्षण अभियंता दिनेश सिंह ने कहा कि बाढ़ के खतरे के मद्देनजर बंधों की मरम्मत, अति संवेदनशील बंधों की निगरानी सहित अन्य कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। बंधों पर बनी पिच सड़क की मरम्मत के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है। जहां पर भी बंधों पर रेनकट हैं, उनको ठीक कराया जा रहा है। बाढ़ बचाव के लिए बंधों की सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी।

रविवार को नदी के पानी का जलस्तर
 

नदी स्थान खतरे का निशान सुबह आठ बजे चार बजे
घाघरा अयोध्या पुल 92.73 91.830 91.840
घाघरा तुर्तीपार 64.01 62.760 62.750
कुआनो मुखलिसपुर 78.65 74.740 74.700
बूढ़ी राप्ती ककरही 85.65 81.990 81.830
राप्ती बांसी 84.90 80.810 80.830
राप्ती बर्डघाट 74.98 70.950 71.030
रोहिन त्रिमुहानी 82.44 79.580 79.891
गोर्रा पिंडरा 70.50 66.400 66.450

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