सफल समाचार
शेर मोहम्मद
देवरिया। यदि आप अपना आशियाना बनाने या खरीदने का मन बना रहे हैं तो जमीन का भू-उपयोग, ले आउट और नक्शा पास होने की जानकारी पूरी करके ही फैसला लें, वरना शहर के एक हजार मकान मालिकों की तरह आपको भी पछताना पड़ेगा। नए कंपाउंडिंग के नियम के तहत भारी जुर्माना भरना पड़ेगा। इसके तहत बिना नक्शे के भवनों का फिर से भारी जुर्माना और विकास शुल्क वसूल किया जाएगा। इसलिए छोटे लालच के बजाए नियम, कायदों को जानकर ही आशियाना बनाएं, वरना मकान बनवाने में भी पेंच फंस सकता है और पूंजी डूब सकती है।
शहर में सस्ते दर पर जमीन लेकर खुद का आशियाना बनाने का सपना संजोए लोग बिचौलियों के जाल में फंस कर खामियाजा भुगत रहे हैं। करीब एक हजार भवन स्वामियों का अपनी मकान बचाने के लिए नए कंपाउडिंग नियम के तहत लाखों रुपये जुर्माने के रूप में भरना होगा। शुरू में बरती गई लापरवाही के कारण आज इनके लिए तकलीफदेय हो गई है। करीब एक पखवारा पहले नियत प्राधिकारी की बैठक में नया नियम पारित हुआ है। शहरी क्षेत्र में बिना नियम के मकान बनवा चुके लोगों पर अब अधिभार पड़ने वाला है।
रजिस्ट्री के समय ही संभल सकते थे, मगर लालच ले डूबा
शहर के करीब एक हजार मकान मालिकों को सिर्फ इस नाते लाखों रुपये की चपत लगने वाली है कि वह रजिस्ट्री के दौरान जानकारी नहीं लिए। उन्हें यह पता नहीं था कि जो जमीन ले रहे हैं वह आवासीय नहीं है और मकान बनवा लिए। इतना ही नहीं जल भराव वाले क्षेत्र में भी आशियाना खड़ा कर लिए। अगर यह पहले संभल गए रहते तो यह नौबत आज नहीं आती।
दूसरे को फंसा कर खुद हो गए मालामाल
अवैध प्रापर्टी डिलिंग का काम करने वाले लोगों ने शहर के इर्द-गिर्द इलाकों में प्लाटिंग का काम कर दिया, लेकिन इसे बढ़े आसानी से बेच भी दिया। प्राॅपर्टी डिलिंग का काम करने वाले लोगों ने ग्रीन बेल्ट, व्यावसायिक स्थान और जलभराव वाले इलाकों को भी बेच दिया है। यहां की हालत यह है कि अब जिन लोगों ने जमीनें ली है, नक्शे नहीं पास हो रहे हैं। इसके कारण लोगों के भवन नहीं बन पा रहे हैं।
क्या है नया कंपाउडिंग नियम
नए कंपाउडिंग नियम के तहत अवैध निर्माण को कंपाउंडिंग के दायरे में लाया जाएगा। इसके हो जाने से शहर के करीब 1021 भवन ध्वस्त होने से बच तो जाएंगे, लेकिन गृहस्वामी से बैनामा के समय लिए जाने वाले विकास शुल्क के चार से सात गुना रुपये जमा कराया जाएगा। इतना नहीं बिना नक्शा के भवन निर्माण कराने पर उन्हें जुर्माने की राशि जमा करने के बाद उसका कंपाउंडिग कर मानचित्र स्वीकृति किया जाएगा।
केस- एक
– 2019 में हाटा-कसया मार्ग पर भूमि लिया था, ताकि मकान बनवाएंगे। करीब छह माह पहले भवन का नक्शा पास करने के आवेदन किया तो पता चला कि यह ग्रीन बेल्ट है। इसके कारण भवन निर्माण नहीं करा पा रहा हूं।
श्याम सुंदर सिंह, रिटायर्ड एलआईसी कर्मी
केस-दो
मकान बनवाने के लिए पुरवा में जमीन लिया था। उस समय एक प्रापर्टी डीलर से खरीद लिया, लेकिन नक्शा पास कराने के लिए गया तो पता चला कि यह आवासीय क्षेत्र नहीं है। इसके कारण मकान निर्माण नहीं करा पा रहा हूं।
हरिश्चंद्र, अध्यापक
कोट
अगर शहर में आवास बनवाने के लिए भूमि खरीद रहे हैं तो पहले जानकारी जरूर कर लेना चाहिए। भू उपयोग बदले और बिना मानचित्र के भवन न बनाएं। नए कंपाउंडिंग के तहत जिन लोगों ने मकान बनवा लिया है उनका अब जुर्माना देना पड़ेगा। इस तरह का झंझट अन्य किसी के सामने न आए, इसलिए वह रजिस्ट्री कराते समय ही पूरी जानकारी कर ले।
योगेंद्र गौड़
सदर एसडीएम व नियत प्राधिकारी
बिना मानचित्र के बन गईं इन जगहों पर कॉलोनियां
शहर के कई ऐसे मुहल्ले हैं, जहां पर काफी सालों से बिना मानचित्र स्वीकृति किए भवन बन गए हैं। इसमें सबसे अधिक शहीद नगर, अली नगर, अमेठी मंदिर रोड, पुरवा, हाटा रोड, सकरापार, रुद्रपुर मोड़, खरजरवा, भीखमपुर रोड, आईटीआई आदि क्षेत्र हैं। इतना ही नहीं पुरवा इलाके में कुर्ना नाला के आस-पास जलभराव वाले स्थानों पर बेरोकटोक भवन का निर्माण कर दिया गया है, जो नियमों की अनदेखी है।