कुशीनगर के सटे बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल से निकलकर एक 14 फीट लंबा किंग कोबरा रिहायशी इलाके में पहुंच गया

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

लक्ष्मीपुर रमपुरवा गांव एक व्यक्ति के घर में मिला कोबरा

खड्डा। कुशीनगर के सटे बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल से निकलकर एक 14 फीट लंबा किंग कोबरा रिहायशी इलाके में पहुंच गया। अत्यंत जहरीले व विशेष प्रजाति के इस सर्प को (स्नैक कैचर) प्रशिक्षित वन कर्मचारियों की टीम ने काफी प्रयास के बाद पकड़ कर जंगल में छोड़ दिया है।
रविवार को वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे लक्ष्मीपुर रमपुरवा के चंपा माई स्थान के पास भोलाराम परिवार के साथ रहते हैं। रविवार को उनके घर में किंग कोबरा सर्प घुस गया। इसे देख घर में रहने वाले लोगों ने किसी तरह से भाग कर अपनी जान बचाई। सूचना पर पहुंचे वन कर्मियों की टीम ने तकरीबन दो घंटे कड़ी मशक्कत कर किंग कोबरा का रेस्क्यू किया। इसके बाद उसे जंगल में छोड़ दिया।

अत्यंत खतरनाक व विशेष प्रजाति का होता है किंग कोबरा
वाल्मीकिनगर रेंजर अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि यह किंग कोबरा की एक विशेष प्रजाति है। इस प्रजाति के सर्प बेहद खतरनाक होते हैं। इसके पास करीब 500 मिलीग्राम जहर की मात्रा होती है। इनके डसने से एक हाथी की भी मौत हो सकती है। कोबरा भी अन्य सांपों की तरह घोंसले में रहते हैं और उसी में अपने अंडे देते हैं। ये कोबरा कई माह तक बिना भोजन के रह सकते हैं। एक बार भर पेट भोजन करने के बाद किंग कोबरा करीब दो साल तक जीवित रह सकता है। इनका जहर अगर आंखों में चला जाए तो सही इलाज न मिलने से आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इनका जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है, जो सीधे तंत्रिका तंत्र पर असर करता है। किंग कोबरा दुनिया के खतरनाक जहरीले सांपों में से एक है। यह जितना जहरीला होता है, उतना ही समझदार भी। यह आसानी से किसी को नहीं डसता है। फ़न से जहर की फुफकार मारता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि यह धामिन, कोबरा व अन्य सांपों को निगल जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *