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सुनीता राय
गोरक्षपीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रावण मास के दूसरे सोमवार को सुबह जनकल्याण के लिए रुद्राभिषेक किया। एक घंटे तक चले अनुष्ठान में उन्होंने आम के रस, 11 लीटर दूध, जल, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगा जल और गन्ने के रस से महादेव भगवान शिव का अभिषेक किया।
उन्हें बेलपत्र, सफेद कमल, लाल कमल, कनेर, शमी पत्र, दूब, कुशा, राई, गुड़हल, धतूरा, भांग और श्रीफल भी चढ़ाया। रुद्राभिषेक अनुष्ठान की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के साथ हुई। उसके बाद मुख्यमंत्री ने भगवान शिव और द्वादश ज्योतिर्लिंग का पूरे विधि-विधान के साथ षोडशोपचार पूजन किया।
गोरखनाथ मंदिर में सोमवार की सुबह मुख्यमंत्री की दिनचर्या परंपरागत रही। तड़के पांच बजे उन्होंने सबसे पहले बाबा गोरखनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई और उनकी पूजा-अर्चना की।
उसके बाद अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। हमेशा की तरह मंदिर परिसर का भ्रमण करने के बाद वह गोशाला में गए और आधे घंटे गायों के बीच रहे। उन्हें दुलारा-पुचकारा और अपने हाथ से गुड़-चना भी खिलाया।