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विश्वजीत राय
किचेन में बर्तन साफ होने पर हुआ संदेह, बच्चों का आहार तैयार नहीं कर पाया रसोइया
सफाईकर्मी और रसोइया को हटाने के दिए निर्देश, हर जगह मिलीं खामियां
पडरौना। सुनो, मंत्रीजी आने वाले हैं। अपरन पहन लो। चारों तरफ अच्छे से सफाई कर दो… करीब एक घंटे से सीएमएस मातहतों को यही नसीहत दे रहे थे, तभी उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डाॅ. शुचिता चतुर्वेदी जिला अस्पताल पहुंच गईं। पोषण पुनर्वास केंद्र में तो रसोइया कुपोषित बच्चों का आहार तक नहीं बना पाया। हकीकत उजागर होने पर सीएमएस और स्वास्थ्यकर्मी एक-दूसरे का मुंह देखने लगे और चुप्पी साध ली। करीब 45 मिनट के निरीक्षण में कई खामियां मिलीं।
जिला अस्पताल गेट के बाहर करीब 10 बजे एक दरोगा और पांच सिपाही खड़े थे। एंबुलेंस को छोड़कर किसी भी वाहन को नहीं जाने दे रहे थे। जिला अस्पताल में भी वार्ड से लेकर इमरजेंसी, वार्ड और कार्यालय में साफ-सफाई तेज गति से हो रही थी। डॉक्टर से लेकर सभी स्वास्थ्यकर्मी अपरन में नजर आ रहे थे।
करीब 12:10 बजे डॉ. शुचिता चतुर्वेदी पहुंचीं और सबसे पहले पीकू वार्ड में गईं। यहां पर भर्ती बच्चों के घरवालों से बात की और मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। इसके बाद वह पोषण पुनर्वास केंद्र में गईं। यहां पर दस कुपोषित बच्चे भर्ती थे। इनके आहार और मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी लेने के बाद उन्होंने किचेन का निरीक्षण किया। किचेन में सभी बर्तन साफ थे।
संदेह होने पर उन्होंने कुपोषित बच्चों को सुबह देने वाले आहार और डोज की जानकारी पूछी। सीएमएस और एक स्टाफ नर्स ने बातों को दूसरी तरफ घुमाने की कोशिश की, लेकिन सदस्य ने रसोइया सुदर्शन से इसकी जानकारी ली, लेकिन उसे कुछ मालूम ही नहीं था। नाराजगी जाहिर करते हुए सदस्य बोलीं कि यह रसोइया कृषि विषय से इंटर पास है। साइंस और बीएससी वालों को रखो। यह सब ठीक नहीं है।
कमियां उजागर होने के बाद सीएमएस के पास कोई जवाब नहीं था। उन्होेेंने सफाईकर्मी को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने आरबीएसके टीम के नोडल सूर्यप्रकाश सिंह को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी आंगनबाड़ी केंद्र पर आरबीएसके टीम नहीं जा रही है। अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं, नहीं तो ठीक नहीं होगा।
इस दौरान सीएमएस डॉ. एचएस राय, जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेंद्र राय, जिला प्रोबेशन अधिकारी विनय कुमार, आरबीएसके टीम के नोडल सूर्यप्रकाश सिंह आदि मौजूद रहे।
पोस्टमार्टम हाउस को समझ बैठे वन स्टाॅप सेंटर
जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद वन स्टाॅप सेंटर पर डॉ. शुचिता चतुर्वेदी को जाना था। वहां से करीब आधे किमी की दूरी पर वन स्टाॅप सेंटर है, लेकिन इसकी जानकारी सीएमएस डॉ. एचएस राय को नहीं है। वह पोस्टमार्टम हाउस के तरफ सदस्य को लेकर चले गए। मौजूद कर्मचारी और अधिकारी बोले कि जब सीएमएस को ही कैंपस की भौगोलिक स्थिति की जानकारी नहीं है तो जिला अस्पताल कितना व्यवस्थित होगा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर नहीं जाती है आरबीएसके टीम
जिला अस्पताल आने से पूर्व सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी सोहरौना, रहसू और खुदराके प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गईं। वहां के आंगनबाड़ी केंद्रों में बनने वाले एमडीएम, रसोई आदि देखीं। रहसू आंगनबाड़ी केंद्र पर दो ऐसे बच्चे मिले, जिनकी आंखों में दिक्कत थी। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की समय से नहीं आने की शिकायत मिली। सोहरौना और खुदरा की भी यही स्थिति रही। जबकि आरबीएसके टीम आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर बच्चों की सेहत की जांच करती है। इन गांवों के केंद्रों पर काफी दिनों से स्वास्थ्य टीम नहीं पहुंची है। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की।
वन स्टॉप सेंटर में आधा घंटा तक जांच की
-इमरजेंसी से होते हुए बाहर सदस्य जा रही थी तो उन्हें देख स्टाफ नर्स और स्वास्थ्यकर्मी तीमारदारों को भगाने लगे और अफरातफरी मच गई। इसका लोगों ने विरोध भी किया। इसके बाद उन्होंने करीब आधे घंटा तक वन स्टाप सेंटर में भी सरकार की ओर से संचालित योजनाओं की जानकारी ली।
सिर्फ मंत्री के आने की थी चर्चा
सुबह से जिला अस्पताल में मंत्री के आने की हलचल थी, लेकिन किसी को यह मालूम नहीं था कि कौन मंत्री आ रहे हैं। डॉ. शुचिता चतुर्वेदी के आने पर कर्मचारियों को हकीकत मालूम हुई।