सफल समाचार
विश्वजीत राय
सीएमओ ने जारी किया सीएमएस और 11 सीएचसी अधीक्षकों को नोटिस
आयुष्मान योजना में चयनित हैं 15 सरकारी समेत 42 अस्पताल
पडरौना। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में शामिल लाभार्थियों के इलाज में सरकारी से आगे निजी अस्पताल हैं। जिला अस्पताल के सीएमएस समेत 11 सीएचसी प्रभारियों को सीएमओ ने नोटिस जारी किया है। इसके बावजूद कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं हो रहा है। ऐसे में कुशीनगर जिले में आयुष्मान भारत योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। मरीज गोल्डन कार्ड पर इलाज कराना हो या गोल्डन कार्ड बनवाना हो, हर दिन आ रहे हैं, लेकिन उन्हें निराश होकर जाना पड़ रहा है। इंटरनेट काम न करना सबसे बड़ी बाधा है।
प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में पांच लाख तक इलाज किसी भी चयनित अस्पताल में लाभार्थियों को मिल सकता है। जिले में एक जिला अस्पताल, 14 सीएचसी और 27 प्राइवेट अस्पतालों का चयन इस योजना में किया गया है। प्राइवेट में अभी तक 34,089 और सरकारी अस्पतालों में सिर्फ 4428 लोगों का ही इलाज हो सका है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी अस्पतालों के जिम्मेदार कितनी रुचि ले रहे हैं।
जिला अस्पताल में तो संसाधन होने के बाद भी 10 सितंबर 2020 से एक भी आयुष्मान कार्डधारक धारक का इलाज नहीं किया गया है, जबकि आंख का ऑपरेशन, हाईड्रोसील, हाॅर्निया जैसे ऑपरेशन की सुविधा भी है। 14 सीएचसी में रामकोला, कसया और कप्तानगंज को छाेड़ कहीं भी आयुष्मान योजना की सुविधा नहीं मिल रही है।
यहां पर आयुष्मान मित्रों की तैनाती भी है। जिम्मेदारों की मनमानी से तंग आकर सीएमओ ने सभी काे नोटिस जारी किया है। विभागीय साठगांठ होने की वजह से इलाज शुरू करना तो दूर नोटिस का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझे हैं।
व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो कुशीनगर जिले में आयुष्मान योजना का लाभ पात्रों को नहीं मिल पाएगा और इलाज पर रकम खर्च करनी पड़ेगी।
मनमानी से बाज नहीं आ रहे वर्कर
जिला अस्पताल में आयुष्मान मित्र की तैनाती और आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए काउंटर खुला है, लेकिन वर्करों की मनमानी और सर्वर डाउन होने की वजह से आयुष्मान कार्ड पात्रों का नहीं बन पा रहा है। ऐसी शिकायतें हर रोज सीएमएस तक पहुंच रही हैं। बावजूद इसके कोई फर्क जिम्मेदारों पर नहीं पड़ रहा है।
आयुष्मान कार्ड बनवाने बृहस्पतिवार को पहुंची रंभा देवी, श्रीकिशुन, रमाकांत, पुष्पा चौहान ने बताया कि सर्वर डाउन होने के चलते नहीं बना। हर रोज यही समस्या यहां रहती है। दस दिनों में चौथी बार हम लोग आए हैं।
14 लाख में सिर्फ 5,61,774 पात्रों का बना गोल्डन कार्ड
प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना 23 सितंबर 2018 को लागू हुई थी। जिले में 14 लाख लोगों का चयन पात्रता के आधार पर हुआ। अभी तक 5,61,774 लोगों का आयुष्मान कार्ड बन पाया है, लेकिन इलाज के लिए इन्हें भटकना पड़ रहा है। चयनित सरकारी अस्पतालों में बदइंतजामी से प्राइवेट अस्पतालों की तरफ लाभार्थियों काे रुख करना पड़ रहा है।
पांच साल में सिर्फ 174 लोगों का हुआ इलाज
जिला अस्पताल में आयुष्मान योजना लागू होने के बाद से सिर्फ 174 लोगों का इलाज हो सका है। इलाज का खर्च 4,82,700 मिल भी गया। अफसरों के नाक के नीचे इस तरह की मनमानी जब स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार कर रहे हैं तो सीएचसी अधीक्षकों को कौन पूछे। हालांकि, जिला अस्पताल का आयुष्मान काउंटर हर रोज खुलता है, लेकिन प्रगति देखी जाए तो शून्य है।
कैसे बनवाएं आयुष्मान कार्ड
आयुष्मान कार्ड जिला अस्पताल के अलावा सभी सीएचसी पर तैनात आयुष्मान मित्रों से संपर्क कर बनाया जा सकता है। इसके लिए प्रधानमंत्री की ओर से भेजा गया पत्र और आधार कार्ड का होना अनिवार्य है। इसके अलावा जन सेवा केंद्रों पर भी आयुष्मान कार्ड निशुल्क बनवा सकते हैं। दिक्कत आने पर आयुष्मान मित्रों से संपर्क कर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए ब्लॉकों पर भी कैंप लगाया जाता है।
वर्जन
आयुष्मान योजना में 11 सीएचसी अधीक्षक और जिला अस्पताल के सीएमएस को नोटिस दिया गया है। इनके यहां आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज काफी दिनों से नहीं किया जा रहा है। जबकि जिला अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं हैं। अभी तक किसी ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है। सुधार नहीं होने पर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
डॉ. सुरेश पटारिया, सीएमओ
मुझे जानकारी नहीं है कि आयुष्मान योजना से जिला अस्पताल में इलाज बंद है। इसकी जानकारी कराता हूं। ऐसा क्यों हो रहा है, जबकि आयुष्मान काउंटर प्रतिदिन खुलता है। अभी मुझे चार्ज लिए कुछ महीने हुए हैं।
डॉ. एचएस राय, सीएमएस, जिला अस्पताल
परगन छपरा निवासी रमेश के पिता राजकिशोर का प्रोस्टेट का ऑपरेशन कराना है। लेकिन नाम में अंतर होने की वजह से इनके पिता का आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहा है। दस दिनों से आयुष्मान मित्र का चक्कर काट रहे हैं।
अंधया टोला मठिया निवासी कमल किशोर के पिता राधेश्याम का आयुष्मान कार्ड आधार कार्ड में नाम के आगे टाइटिल होने से नहीं बन पा रहा है। कान का ऑपरेशन कराना है। आर्थिक तंगी के चलते नहीं हो पा रहा है।
भिसवा सरकारी गांव निवासी सूर्यप्रताप मद्धेशिया ने बताया कि किडनी में पथरी है। एक महीने से आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए दौड़ रहा हूं। लेकिन केवाईसी पेंडिंग दिखा रहा है। इसके चलते ऑपरेशन नहीं करा पा रहा हूं।
बनरही गांव निवासी रामकृपाल कुशवाहा को आंख का ऑपरेशन कराना है। लेकिन आयुष्मान कार्ड नहीं है। इसके लिए छह महीने से जिला अस्पताल के आयुष्मान काउंटर पर चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन पिता के नाम में त्रुटि होने से नहीं बन पा रहा है।
आयुष्मान मित्र बोले
जिला अस्पताल में तैनात आयुष्मान मित्र धीरेंद्र सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में नेट नहीं चलता है। इसकी वजह से आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहा है और इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन भी नहीं होता है। इसलिए जिला अस्पताल में इलाज आयुष्मान कार्ड धारकों को नहीं मिल पा रहा है। दो साल से लिखित शिकायत सीएमएस और सीएमओ से कर रहा हूं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।