सफल समाचार
मनमोहन राय
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले से जुड़े 19 हजार सीटों पर हुए चयन मामले में एकल पीठ के फैसले को आरक्षण के मुद्दे पर चुनौती देने वाली विशेष अपील पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को नियत की है।
मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश खुद को आरक्षण पीड़ित बताने वाले 13 अभ्यर्थियों की अपील पर दिया। इनका कहना है कि इस भर्ती में लगभग 19 हजार सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है।
अभ्यर्थियों ने कहा कि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन कर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की इस भर्ती में सही तरीके से ओवरलैपिंग नहीं कराई गई है, जो पूरी तरह से गलत है। प्रत्येक भर्ती की एक मूल चयन सूची बनाई जाती है लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटेगरी, सब कैटेगरी आदि को छिपाकर जिला आवंटन सूची पर ही भर्ती प्रक्रिया को संपन्न कर दिया गया। यह पूरी तरह गलत है। राज्य सरकार ने अभी तक इस भर्ती की मूल चयन सूची जारी नहीं की है।
उन्होंने यह भी कहा कि गत 13 मार्च को हाईकोर्ट की एकल पीठ ने फैसले में सरकार को इस भर्ती की पूरी सूची को सही करने के लिए तीन महीने का समय दिया था। उधर, अपील पर सुनवाई के समय राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि इस मामले में सरकार की आंतरिक प्रक्रिया जारी है।