सफल समाचार
विश्वजीत राय
अपर जिलाधिकारी के समक्ष पुरे जनपद से पधारे अभिकर्ताओ ने अपनी समस्या से अवगत कराते हुए समाधान की मांग किया।
पडरौना,कुशीनगर। राष्ट्रीय अल्पबचत अभिकर्ता संघ कुशीनगर के डाकघरो से सम्बद्ध अभिकर्ताओ ने अपनी समस्याओ को लेकर माननीय प्रधान मंत्री को सम्बोधित 11 सूत्रीय मांग पत्र,ज्ञापन अपर जिलाधिकारी कुशीनगर को देकर अपनी समस्याओ से अवगत कराते हुए निदान की मांग किया।
अभिकर्ताओ ने मांग पत्र के माध्यम से कहा कि देश में पांच लाख से अधिक अल्प बचत अभिकर्ता है जिसमे महिलाओ की संख्या अधिक है। हम सभी वित मंत्रालय की अल्प बचत योजनाओ मे डाकघर के माध्यम से धन निवेश कराकर निवेशित धनराशि पर पारिश्रमिक के रूप मे मिलने वाले कमीशन से अपने परिवार का भरण-पोषण करते है। इस प्रकार हम पांच लाख से अधिक अभिकर्ताओं पर लगभग पचास लाख लोग आश्रित है। विगत 12 वर्षो से भारत सरकार द्वारा निरन्तर हम सभी की उपेक्षा किया जा रहा है
इस परिपेक्ष मे कुछ प्रमुख बिन्दुओ पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि वित्त मंत्रालय द्वारा 1-10-1960 को बनाए गए एजेन्सी सिस्टम के तहत आज भी राष्ट्रीय बचत अभिकर्ता कार्य करने को विवश है समाज और समय को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में इस एजेन्सी प्रणाली मे आमूलचूल परिवर्तन की आवश्कता है ।वित्त मंत्रालय द्वारा 1-4-1972 से देश भर में महिला प्रधान क्षेत्रीय बचत योजना के अन्तर्गत महिलाओ को एजेन्सी देने का प्राविधान किया गया और उसी समय बनाए गए नियम के तहत आज भी महिला प्रधान अभिकर्ता धन निवेश कराने को बाध्य है जो कि आज के डिजिटल परिवेश में व्यवहारिक नहीं है और उन्हीं नियमो के अनुपालन को लेकर डाकघर के कर्मचारी अभिकर्ताओं का उत्पीड़न और शोषण कर रहे है ।देश का बचत अभिकर्ता वित्त मंत्रालय द्वारा बनाए गए नियमों के अनुरूप डाकघरो मे निवेश कराता है और इनकी नियुक्ति राज्य सरकार के अधीन है | सम्पूर्ण एजेन्सी सिस्टम वित्त मंत्रालय, संचार मंत्रालय और राज्य सरकार के अलग अलग दायित्व में संचालित होती है इस व्यवस्था के कारण अल्प बचत अभिकर्ताओ का कोई अभिभावक नही है जो कि निवेश के दौरान आने वाली समस्याओं का निराकरण कर सके ।वर्तमान सरकार द्वारा अल्प बचत योजना के अन्तर्गत सुकन्या समृद्धि योजना व महिला सम्मान बचत योजना के रूप मे दो नई योजना लाया गया है परन्तु इन दोनो योजनाओ से अभिकर्ताओ को सम्बद्ध नही किया गया है।अल्प बचत योजनाओ मे अभिकर्ताओ की भांति डाकघर को भी वित्त मंत्रालय से कमीशन प्राप्त होता है अतः डाकघर द्वारा अभिकर्ताओ पर दबाव बनाकर जो योजनाए अभिकर्ताओ के माध्यम से संचालित नही है, उन योजनाओ मे भी निवेश कराने को बाध्य किया जाता है और हम आज भी उन योजनाओ मे बिना पारिश्रमिक के निवेश करा रहे है।1 दिसम्बर 2011 से तत्कालीन केंद्र सरकार ने श्यामला गोपीनाथ कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर हम अभिकर्ताओ का कमीशन एक प्रतिशत से घटाकर आधा प्रतिशत कर दिया और कुछ योजनाओ मे शून्य कर दिया है।पिछले 12/13 वर्ष सभी स्थानीय स्तर पर देश के अनेक जन प्रतिनिधि / सांसद से मिलकर उनको अपनी समस्याओं से अवगत करा चुके है लेकिन आज तक किसी जन प्रतिनिधि ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है।पुरे देश मे संसद द्वारा पारित अध्यादेश ही लागू होता है, एजेन्सी प्रणाली भी वित्त मंत्रालय के अधीन है लेकिन खेद का विषय है कि दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल आदि राज्य सरकार ने पिछले 12 वर्ष से नई एजेन्सी देना बंद कर दिया है।स्वतंत्रता के बाद जब देश की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी हम अभिकर्ताओं की नियुक्ति हुई हम सभी ने मिलकर NATIONAL SMALL SAVINGS FUND (NSSF) को देश के मध्यम वर्ग से एकत्र कर लाख करोड़ से अधिक का बनाया जिससे कि देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ हुई परन्तु अब अच्छे दिन ! आने के बाद भी अभिकर्ताओ की उपेक्षा न्याय संगत नहीं है ।
हमारी मुख्य मांगे एवं समस्याओं के निराकरण का उपाय
सरकार द्वारा पुनः एक नई कमेटी गठित किया जाए जिसमे वित्त मंत्रालय, डाक विभाग, लोक सभा और राज्य सभा के सांसद व अभिकर्ताओ के राष्ट्रीय संगठन नेशनल स्माल सेविंग एजेंट एसोसिएशन इंडिया का भी प्रतिनिधित्व हो जिससे कि हम अभिलेखिय साक्ष्य के आधार पर अभिकर्ताओं का पक्ष रख सके।
नई कमेटी द्वारा पुरे एजेन्सी प्रणाली की समीक्षा के साथ साथ 10 वर्ष पूर्व से प्रभावी श्यामला गोपीनाथ कमेटी की रिपोर्ट की समीक्षा किया जाय।
इस दौरान जिला संयोजक नन्दलाल जायसवाल, जिलाध्यक्ष हरेराम गुप्ता,जिलामहामंत्री राघवेन्द्र पाण्डेय, मनोज मिश्रा,जिला संरक्षक प्रेम शंकर सिंह सूर्यवंशी, रामूयादव, पवन चौधरी,लल्लन गोड,अजय गुप्ता,प्रमोद अग्रवाल,विवेकानंद वर्मा,संतोष मद्देशिया,सिद्दार्थ वरनवाल,दुर्गेश गुप्ता,रवि प्रताप,अजित कुमार,आशा देवी,ममता देवी,रेनू अग्रवाल, राजकुमारी देवी,पार्वती देवी,पूनम मद्देशिया,विन्दा वजनी देवी,सीमा गुप्ता,सोभद्रा देवी,आदि संग जनपद के कोने कोने से सैकडो की संख्या मे अभिकर्ता उपस्थित रहे।