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आकाश राय
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेसर्स जय प्रकाश एसोसिएट्स (जेपी) को यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) का बकाया चुकाने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे विकास क्षेत्र में विशेष विकास क्षेत्र परियोजना के तहत पहले से आवंटित एक हजार हेक्टेयर भूमि के कुछ हिस्से को बेचने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आवंटन पहले ही रद्द हो चुका है इसलिए वह ऐसी बिक्री की अनुमति नहीं दे सकता। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और सौमित्र दयाल सिंह की खंड पीठ ने मेसर्स जय प्रकाश एसोसिएट्स की याचिका को खारिज करते हुए दिया।
न्यायालय के समक्ष मामला था कि क्या YEIDA को आवंटन रद्द करने का अधिकार है कि नहीं। कोर्ट ने मामले में पहले सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया था। कोर्ट ने कहा कि वह विवाद संपत्ति के किसी भी हिस्से को बेचने की अनुमति देने के लिए कोई अंतरिम राहत नहीं दे सकती। ऐसा करना आवंटन को रद्द करना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर दोनों पक्ष आपस में समझौता कर लेते तो स्थिति अलग होती। मामले में जेपी ने आवंटित भूमि पर पट्टे के किराए और ब्याज के भुगतान में चूक की। इसीलिए 2019 में YEIDA द्वारा एक हजार हेक्टेयर के लिए पट्टा विलेख रद्द कर दिया गया।