सभी नई नगर पालिका के 22 हजार व पंचायतों के 13 हजार गृह स्वामियों से गृहकर लगाने का खाका हो रहा तैयार

उत्तर प्रदेश देवरिया

सफल समाचार 
शेर मोहम्मद 

देवरिया। नगर पालिका परिषद देवरिया के विस्तारित क्षेत्र में शामिल गांवों के करीब 22 हजार और नई नगर पंचायतों के 13 हजार भवन स्वामियों से गृह कर वसूली की तैयारी की जा रही है। इसके लिए निकाय मकानों का ब्योरा तैयार कर रही है। जबकि शहर में कई ऐसे नए भवन हैं, जिनका अभी तक गृहकर नहीं लिया जा रहा था।
नगर पालिका परिषद देवरिया में अभी तक करीब 26 हजार भवनों से गृह और जलकल कर लिया जाता था। यह भवन 25 वार्डों में हैं। अब नगर पालिका का सीमा विस्तार हो चुका है। इस कारण नगर पालिका में शामिल 23 गांव वार्ड बन चुके हैं। नगर पालिका के अफसरों के अनुसार इन गांवों में करीब 22 हजार भवन हैं, जो गृहकर के दायरे में आ रहे हैं। इन भवनों का नंबर भी नगर पालिका आवंटित करेगी। इसके अलावा करीब 110 भवन ऐसे हैं, जो एक साल के भीतर बने हैं। वह भी गृहकर और जलकर के दायरे में आ रहे हैं। इसके लिए नगर पालिका नए भवनों का डाटा फीडिंग का काम कर रही है, ताकि आने वाले समय में नियमानुसार कर वसूल किया जा सके।

नई नगर पंचायतों के 13 हजार भवन आए दायरे में
नई नगर पंचायत हेतिमपुर, मदनपुर, भलुअनी, पथरदेवा, तरकुलवा, बैतालपुर में शामिल गांवों के करीब 13 हजार भवनों को भी गृहकर के दायरे में लाया गया है। इसके अलावा नगर पालिका परिषद बरहज में नए गांव शामिल हैं। यहां भी भवन स्वामियों को गृह और जलकल कर देना होगा। इसके लिए सभी भवनों का ब्योरा जुटाया जा रहा है।

गृहकर वसूली के नियम
गृहकर का वार्षिक मूल्यांकन सर्किल रेट के आधार पर तय होता है। नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र में प्रति वर्ग फीट प्रति माह की दर से गृहकर लिया जाता है। खाली प्लाॅटों पर भी प्रति वर्ग फीट तय है। जितने वर्ग फीट की जमीन होगी, उसी आधार पर कर पड़ता है। गृहकर का वार्षिक मूल्यांकन तय करने के लिए कुल जमीन में 20 फीसदी जमीन बाथरूम और शौचालय का हिस्सा निकाल दिया जाता है। इसके बाद 80 फीसदी जमीन का गुणा गृहकर तय किया जाता है, जो धनराशि बनती है, उसका 11 फीसदी गृहकर तय किया जाता है।

पहले विकसित करें, फिर वसूलें टैक्स
नगर पालिका और नगर पंचायत नए वार्डों में गृह और जलकल कर वसूली का खाका तैयार कर चुकी है। पर हकीकत यह है कि अभी इन क्षेत्रों में विकास के मद पर धन खर्च नहीं किया गया है। सबसे गंभीर बात तो यह है कि जिस दिन से परिसीमन जारी किया गया है। उसी दिन टैक्स वसूल करने का अफसर मन बना चुके हैं।

खरजरवा निवासी संदीप ने बताया कि दरवाजे तक आने को पक्का मार्ग तक नहीं। गृहकर कैसे दिया जाए। पहले विकास कराया जाए, इसके बाद कर वसूल होना चाहिए। सोंदा निवासी धर्मेंद्र ने बताया कि अभी तक तो वार्ड में कोई काम ही नहीं हुआ है। पहले क्षेत्र को विकसित किया जाए। इसके बाद टैक्स की बात होनी चाहिए। तिलई वेलवा वार्ड के बबलू मिश्रा ने बताया कि विकास से पहले टैक्स लगाया जाना गलत है। सकरापार वार्ड के विवेकानंद पांडेय ने बताया कि सड़क, जल निकासी और सफाई व्यवस्था का इंतजाम किया जाए। सुविधा दिया नहीं और कर वसूली की तैयारी शुरू हो गई। यह नहीं होना चाहिए।

कोट
जो नए वार्ड बने हैं, वहां के भवनों का डाटा तैयार किया गया है। पहले चरण में विकसित क्षेत्रों में ही कर लेने की तैयारी है। इसके कुछ दिन बाद सभी जगहों पर कर वसूल किया जाएगा। लोगों की सुविधाओं का पूरा ख्याल किया जा

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