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सुनीता राय
प्राचार्य ने डाॅक्टरों को निर्देश दिए कि यदि कोई दलाल मरीजों को किसी भी तरह से यहां से ले जाता है तो ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाए। विशेष परिस्थिति में ही मरीज को रेफर किया जाए। रेफर करने का पूरा कारण पर्चे पर लिखा जाए।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर व ओपीडी में यदि दलाल, एंबुलेंस चालक, मेडिकल स्टोर संचालक या फिर निजी अस्पतालों के कर्मी दिखे तो संबंधित विभागाध्यक्ष और कर्मियों की खैर नहीं होगी। ये हिदायत मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने दी है।
वह बृहस्पतिवार को मंडलायुक्त अनिल ढींगरा के निर्देश पर डॉक्टरों व कर्मचारियों के साथ बैठक कर रहे थे। प्राचार्य ने विभागाध्यक्षों से संविदा व नियमित डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सूची भी मांगी है।
आरोप है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कर्मियों और डॉक्टरों से सांठगांठ कर एंबुलेंस चालक मरीजों को निजी अस्पताल ले जाते हैं, जहां मरीजों को इलाज के हिसाब से बेच दे दिया जाता है।
इसका पर्दाफाश भी पुलिस और बीआरडी की विभागीय जांच में हो चुका है। मामले में एंबुलेंस चालक, डॉक्टर, स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वॉय जेल भी जा चुके हैं। इसमें स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वॉय को बीआरडी प्रशासन ने बर्खास्त भी कर दिया है।
इसकी जानकारी होने पर मंडलायुक्त ने सख्ती दिखाई तो आननफानन स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों की सूची जारी कर दी। साथ ही प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने इन मरीज माफिया पर अंकुश लगाने के लिए बृहस्पतिवार को डाॅक्टरों की बैठक बुलाई।
प्राचार्य ने डाॅक्टरों को निर्देश दिए कि यदि कोई दलाल मरीजों को किसी भी तरह से यहां से ले जाता है तो ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाए। विशेष परिस्थिति में ही मरीज को रेफर किया जाए। रेफर करने का पूरा कारण पर्चे पर लिखा जाए। क्योंकि रेफर के ही खेल में एंबुलेंस चालक मरीजों को निजी अस्पताल ले जाते हैं।
ट्रॉमा में नजर आए दलाल तो कर्मियों पर होगी कार्रवाई
डॉक्टरों के साथ बैठक करने के बाद प्राचार्य ने कर्मचारियों के साथ बैठक की। सख्त निर्देश दिए कि अगर ट्रॉमा सेंटर में कोई भी एंबुलेंस चालक, मेडिकल स्टोर या नर्सिंग होम का कर्मचारी नजर आता है तो संबंधित कर्मचारी को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। ट्राॅमा सेंटर और ओपीडी में दलालों और एंबुलेंस चालकों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। बताया कि जानकारी मिली है कि कुछ कर्मचारी इस काम में मदद करते हैं। ऐसे कर्मचारियों की सूची तैयार कराई जाएगी और प्रशासन को सौंपी जाएगी।
संविदा वाले डॉक्टरों पर भी रहेगी नजर