सुरक्षा से जुड़े जानकारों के अनुसार वर्ष 2010 में बढ़नी बाॅर्डर से इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी सलमान उर्फ छोटू को एक एजेंसी ने दबोचा था

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

सुरक्षा से जुड़े जानकारों के अनुसार वर्ष 2010 में बढ़नी बाॅर्डर से इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी सलमान उर्फ छोटू को एक एजेंसी ने दबोचा था। पूछताछ में नेपाल में बैठकर देशविरोधी गतिविधि चलाने की बात सामने आई थी

पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर के खुनुवां से भारतीय सीमा में प्रवेश करने की बात में कितनी सच्चाई है, यह एजेंसियों की जांच में स्पष्ट हो ही जाएगा। लेकिन, एटीएस के सामने पूछताछ में सीमा के खुनुवां बार्डर के रास्ते भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की जानकारी देने के बाद भारत-नेपाल बॉर्डर एक बार फिर चर्चा में आ चुका है। सीमा से सटे नेपाल से पूर्व में भी आतंकी पकड़े जा चुके हैं।

नेपाल से लगने वाली 68 किलोमीटर भारतीय सीमा पूरी तरह से खुली है। यहां पर मुख्य स्थानों को छोड़कर कहीं पर कंटीले तार की घेराई या बैरिकेडिंग नहीं है। दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी के शुरू से संबंध हैं। इसलिए लोग बिना रोक टोके के आते-जाते हैं।

हालांकि, सीमावर्ती थानों की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को निगाह पूरी 68 किलोमीटर सीमा पर रहती है। वह उसकी निगहबानी करते हैं। लेकिन, देश विरोधी तत्व भारत-नेपाल के संबंधों का गलत फायदा भी उठाते हैं। वह नेपाल में बैठकर भारत विरोधी कार्य करते हैं। इस बात की तस्दीक पूर्व में पकड़े गए आतंकी संगठन से जुड़े लोगों से पूछताछ में हो चुकी है।

वे ये बात स्वीकार कर चुके हैं कि भारतीय सीमा करीब नेपाल में रहकर वे अपने मकसद को पूरा करने की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच चर्चा में आई पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर को जब जांच एजेंसी एटीएस ने पूछताछ के लिए उठाया तो उसने यह जानकारी दी है कि पोखरा के रास्ते वह खुनुवां बार्डर होते हुए सिद्धार्थनगर की सीमा में प्रवेश करके लखनऊ, आगरा होते हुए अपने मुकाम पर पहुंची है। इस बात में कितनी सच्चाई है, यह जांच में ही सामने आएगा। लेकिन इनपुट मिलने के बाद सीमा पर सख्ती बढ़ गई है। सीमा के दोनों पार से हर आने- जाने वालों की चेकिंग की जा रही है।

नेपाल में बैठकर भारत विरोधी गतिविधि में लिप्त होने बात आई थी सामने

सुरक्षा से जुड़े जानकारों के अनुसार वर्ष 2010 में बढ़नी बाॅर्डर से इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी सलमान उर्फ छोटू को एक एजेंसी ने दबोचा था। पूछताछ में नेपाल में बैठकर देशविरोधी गतिविधि चलाने की बात सामने आई थी। 17 अगस्त 2013 में रक्सौना बिहार से पकड़े गए आतंकी अब्दुल करीम टुंडा ने नेपाल में बैठकर देश विरोधी गतिविधि चलाने की बात स्वीकार की थी।

इसके ठीक 12 दिन बाद उसी आतंकी संगठन से जुड़े यासीन भटकल को पकड़ा गया था। जिसके कनेक्शन बार्डर से सटे नेपाल में होने बात सामने आई थी। अक्तूबर 2015 में पाकिस्तान के वैज्ञानिक डॉ. आवेद को एजेसियों ने गिरफ्तार किया था। जिसके भारतीय क्षेत्र में भ्रमण करने की बात सामने आई थी। इसके अलावा पूर्व में भी आतंकी संगठन के लोग पकड़े जा चुके हैं। जो नेपाल में बैठकर भारत विरोधी गतिविधि चला रहे थे।

पीएफआई से जुड़े संदिग्ध भी आ चुके हैं पकड़ में

पिछले ढाई साल में जिले में पीएफआई (पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के सदस्य शोहरतगढ़ से पकड़े जा चुके हैं। इसमें एसटीएफ की टीम ने बस्ती से रादिश नाम के एक शख्स को पकड़ा था। जिसके पास देश विरोधी दस्तावेज मिले थे। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि यह पीएफआई का ट्रेनिंग कमांडर है। जो शोहरतगढ़ का रहने वाला था।

सके बाद तीन बार एसटीएफ और एटीएस की टीम पीएफआई से जुड़े संदिग्धों को उठाकर पूछताछ करके छोड़ चुकी है। सूत्रों के अनुसार नेपाल से आकर कुछ लोग इनके संपर्क में जुड़े थे। हालांकि, वह एजेंसियों के हाथ लगने से पहले नेपाल सीमा में जा चुके थे। इस घटनाओं के बाद सीमा हैदर के खुनुवां बार्डर से पार करने की बात ने अन्य घटनाओं को ताजा कर दिया है।

पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने कहा कि भारत-नेपाल की खुली सीमा है। अपराध रोकने के लिए एसएसबी के साथ बॉर्डर पेट्रोलिंग की जाती है। आपरेशन कवच के अंतर्गत 424 ग्राम सुरक्षा समितियों का गठन किया गया है। बाॅर्डर पर अपराध नियंत्रण के लिए लोगों का भी सहयोग लिया जा रहा है। कोई भी सूचना मिलने में सक्रियता पूर्वक कार्रवाई की जाती है।

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